नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर इन दिनों देश के कई राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, असम के साथ ही बिहार में भी इस पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पुलिस ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर जुर्माना लगाकर, उन्हें वसूली नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर सम्पत्ति को कुर्क करने की बात हो रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिन्हित किया है और इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
वहीं लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पकड़े गए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों का पश्चिम बंगाल से कनेक्शन है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में हिंसा के दौरान इन्हें बंगाल से बुलाया गया था। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि उग्र प्रदर्शन मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में ही करीब 218 लोग गिरफ्तार हुए हैं।
डीजीपी ने कहा, “मामले की जांच जारी है। प्रदर्शन में एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। हम जांच करा रहे हैं और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। निर्दोष को कोई परेशानी नहीं होगी।” उन्होंने यह भी कहा, “अब तक प्रदेश में नौ लोगों की मौत हुई है। जिन लोगों की मौत हुई है, वे क्रॉस फायरिंग में मारे गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्थिति साफ हो जाएगी। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।”
बता दें कि, इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जा रहे बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए शनिवार को कहा था कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। सीएम योगी ने कहा था कि, ‘कानून को हाथ में लेकर उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए।’