जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद अलगाववादियों के खिलाफ सख्ती शुरू हो गई है। इस क्रम में गुरुवार (21 जून) को अलगाववादी नेता और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया, जबकि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया ताकि अलगाववादी विरोध प्रदर्शन की अगुवाई नहीं कर सकें।
समाचार एजेंसी पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। उन्हें कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी नजरबंद हैं।
आम नागरिकों की कथित तौर पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मौत और वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के विरोध में, अलगाववादियों ने जॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले गुरुवार को हड़ताल करने की मंगलवार को घोषणा की थी।
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर में बुधवार (20 जून) को तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया। गौरतलब है कि बेहद आश्चर्यजनक तरीके से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार (19 जून) को खुद को प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा-पीडीपी गठबंधन से अलग कर लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया।