नोटबंदी के बाद लगातार गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के कारण मोदी सरकार अब विपक्ष के साथ-साथ अपने घर में भी घिरती नजर आ रही है। एक दिन पहले नोटबंदी और गिरती जीडीपी के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आड़े हाथों लेने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने गुरुवार(28 सितंबर) को एक बार फिर हमला बोला।
NDTV से बातचीत में यशवंत सिन्हा ने कहा कि क्या मैं धरने पर बैठ जाता। मैंने पीएम से मिलने के लिए 1 साल पहले मिलने का वक्त मांगा था जो उन्होंने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी में कई खामिया हैं। लेकिन हमारी बात कोई सुनने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि हम यूपीए-2 के समय पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे, लेकिन आज भी नीतियां वैसी ही हैं।
वहीं, न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने कहा कि बहुत दिनों से हम जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि GST को जल्दबाजी में लागू किया गया है। साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि जब अर्थव्यवस्था चरमराई हुई थी तो नोटबंदी नहीं लानी चाहिए थी। इसके बाद तुरंत GST लागू करने से बड़ा झटका लगा।
Aaj desh ki janta chahti hai ki rozgaar mile, par jisse pucho woh kehta hai ki rozgaar hai hi nahi: Yashwant Sinha pic.twitter.com/ABlZc6CCVG
— ANI (@ANI) September 28, 2017
Hum isse pehli ki sarkaar ko dosh nahi de sakte kyunki humein pura mauka mila hai: Yashwant Sinha pic.twitter.com/UDBbroyE9A
— ANI (@ANI) September 28, 2017
बीजेपी नेता ने कहा कि आज देश की जनता चाहती है कि रोजगार मिले, पर जिससे पूछों वह कहता है कि रोजगार है ही नहीं। उन्होंने कहा कि हम इससे पहले की सरकार को दोष नहीं दे सकते हैं, क्योंकि हमें पूरा मौका मिला है। उन्होंने कहा कि 40 महीने से सरकार में हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी का मैं भी समर्थन करता हूं लेकिन इसे लागू करने में सरकार ने जल्दबाजी की। कांग्रेस के वित्तमंत्री को छोड़ दें तो मैं ही अकेला हूं, जिन्होंने 7 बार बजट पेश किया है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि यूपीए के वक्त पॉलिसी पैरालिसिस था और उम्मीद थी कि मोदी सरकार के आने के बाद यह खत्म होगी। उन्होंने कहा कि हम कुछ आगे बढ़े लेकिन वह गति नहीं दिखी जो होनी चाहिए थी। अर्थव्यवस्था में गिरावट से बेरोजगारी भी बढ़ी है।
एक दिन पहले भी साधा था निशाना
बता दें कि इससे पहले यशवंत सिन्हा ने बुधवार(27 सितंबर) को नोटबंदी और गिरती जीडीपी के मुद्दे पर सरकार और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आड़े हाथों लिया था। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में I need to speak up now (मुझे अब बोलना ही होगा) शीर्षक से लिखे लेख में वित्त मंत्री अरुण जेटली पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था का ‘कबाड़ा’ कर दिया है।
उन्होंने नोटबंदी को सुस्त अर्थव्यवस्था की आग में घी डालने वाला बताया है। साथ जीएसटी में भी खामियां बताईं है।सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम में लगे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखाएंगे।
जेटली पर हमला बोलते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि मैं अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों में असफल रहूंगा यदि मैंने अभी भी वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ नहीं बोलूंगा, जिन्होंने अर्थव्यवस्था का यह हाल बना दिया। उन्होंने कहा कि लगातार गिरती जीडीपी और चरमा रही अर्थव्यवस्था के कारण सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
सिन्हा ने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज हो रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और साथ में जीडीपी भी गिर रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और व्यापार पर काफी फर्क पड़ा है।