इस बांग्लादेशी लड़की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लड़की ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि उसने ये पैसे अपने ग्राहकों से टिप्स के रुप में कमाए हैं। नोटबंदी के समय उसके 10,000 रुपये वेश्यालय के मालिक के पास थे। जिस कारण वो बदल नहीं पाई। लेकिन अब वो अपने देश जाने से पहले अपने पैसे बदलवाना चाहती है।
इस पत्र में लड़की ने आगे लिखा है कि, भारत आने से पहले उसकी शादी हो चुकी थी। उसका पति उसे पैसों के लिए मारता-पीटता था। जिसके कारण उसने शादी के 3 साल बाद उसे तलाक दे दिया। परिवार चलाने के लिए लड़की ने बांग्लादेश की एक गारमेंट फैक्ट्री में भी काम भी किया। लेकिन कुछ दिन बाद ज्यादा पैसों का लालच देते हुए एक व्यक्ति ने धोखे से उसे मुंबई लाया।
पीड़िता के मुताबिक, मुंबई में उस शख्स ने धोखे से एक नेपाली महिला के हाथों 50 हजार रुपयों में बेच दिया। वहां से इसे पुणे के बुधवार पेठ इलाके में बेच दिया गया। पुणे में तकरीबन डेढ़ साल का अत्याचार झेलने के बाद इस लड़की को पुलिस की सामाजिक सुरक्षा टीम ने रेस्क्यू करवाया और बांग्लादेश भेज दिया।
पीएम मोदी को लिखे इस पत्र के बाद कई लोगों ने एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन को फोन कर लड़की की सहायता के लिए आगे आए हैं। पुणे के एक कपल ने एनजीओ को 10 हजार रुपए के नए नोट भेज भी दिए हैं। एनजीओ के मुताबिक, लड़की की मदद के लिए ऑस्ट्रेलिया से भी एक महिला का फोन आया है। और उन्होंने पैसे भेजने के लिए लड़की का अकाउंट नंबर मांगा है।