उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अप्रैल को राज्य के 75 जिलों के लिए 150 एडवांस एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार 15 मिनट से भी कम समय में मरीजों को एंबुलेंस सेवा प्रदान कराएगी। लेकिन ठीक इसके उलट गुरुवार को लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके की रहने वाली गर्भवती महिला के परिजन सरकारी एम्बुलेंस के लिए फोन पर फोन मिलाते रहे, लेकिन उसके बाद भी उनको सुविधा नहीं मिली।
वहीं दर्द से छटपटा रही प्रसूता के घर के लोगों ने ई-रिक्शा पर उसको अस्पताल ले जाने का प्रबंध किया, ई-रिक्शा में वे अभी कुछ ही दूर गए थे कि झटका लगने के कारण महिला ने ई-रिक्शे में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साबिया के पति हकीमुद्दीन का आरोप है कि फोन करने के एक घंटे बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। घरवालों ने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। मरीज की बिगड़ती हालत देखकर वो उसे ई-रिक्शा में लोहिया अस्पताल ले जाने के लिए घर से निकले।
कुछ दूर ही चले थे, तभी रिक्शे की सीट पर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। किसी तरह मां और बच्चे का लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
Lucknow: Woman gave birth in e-rickshaw while on her way to the hospital yesterday, reached hospital on the same vehicle allegedly after ambulance didn't reach her after delivery pic.twitter.com/xCPv66yEJT
— ANI UP (@ANINewsUP) December 15, 2017
न्यूज़18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, मामला सामने आने के बाद नेशनल एंबुलेंस सेवा के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि एक घंटे तक एंबुलेंस ना मिलना संभव नहीं है। फिलहाल एंबुलेंस समय पर क्यों नहीं पहुंच इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि, यह कोई पहली बार नहीं है कि यूपी में इस तरह की घटना हुई हो इसे पहले भी राज्य से ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। इससे पहले शनिवार(29 अप्रैल) को यूपी के बहराइच जिले में मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को बीच बाजार सड़क पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा था।
उसके बाद यूपी के मथुरा में मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। बीच रास्ते में दूसरे गांव की महिलाओं ने किसी तरह आनन-फानन में वहां पर परदा बना कर प्रसूता को संभाला था।
इससे पहले भी बीजेपी शासित राज्य से आ चुके है ऐसे मामले
बता दें कि, इससे पहले मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा था। सड़क पर गिरने की वजह से मासूम नवजात की मौके पर ही मौत हो गई।
इससे पहले राजस्थान के जयपुर सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक खानाबदोश महिला को शुक्रवार(28 जुलाई) की रात को सड़क पर लेटकर बच्चे को जन्म देना पड़ा।