सरकार ने बुधवार को कहा कि तनाव एवं दंगों के दौरान आपातस्थिति में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अधिकारी इंटरनेट को बंद कर देते हैं। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि साइबर स्पेस द्वारा कई चुनौतियां उत्पन्न की जा रही हैं, जो इसके व्यापक एवं सीमाहीन चरित्र के कारण आती हैं। उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस में सूचना बहुत तेजी से चलती है और इसके दुरूपयोग की आशंका होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘तनाव एवं दंगों के दौरान, सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने एवं आपात स्थिति को टालने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के निर्दिष्ट अधिकारी दूरसंचार सेवाओं और इंटरनेट को बंद कर देते हैं। यह दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन (संशोधन) नियम 2020 की प्रक्रिया के तहत आता है।’’
रेड्डी ने कहा कि इंटरनेट बंद किए जाने के बारे में उनके मंत्रालय द्वारा केंद्रीकृत आंकड़े नहीं रखे जाते। बता दें कि, विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सदस्यों के जमकर हंगामा किया।
उल्लेखनीय है कि, नवंबर माह के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को लगभग हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। विरोध कर रहे किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के साथ-साथ अपनी सहयोगी पार्टियों के भी निशाने पर आ गई है।
कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि, सरकार इन कृषि कानूनों को वापस लें। (इंपुट: भाषा के साथ)