चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में पूर्व नियोजित हमला होने की बात से इनकार करते हुए रविवार को संकेत दिए कि सुरक्षा में चूक के चलते उन्हें चोटें आईं। आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आईपीएस अधिकारी तथा सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को तत्काल पद से ”हटाने” और निलंबित रखने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ”एक सुरक्षा निदेशक के तौर पर जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की सुरक्षा के प्राथमिक दायित्व पालन करने में बुरी तरह नाकाम रहने के लिए उनके खिलाफ एक सप्ताह के अंदर आरोप तय किए जाएं।” आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ विचार-विमर्श कर तत्काल एक योग्य सुरक्षा महानिदेशक को तैनात करें।
आयोग ने फैसला किया कि मुख्य सचिव और डीजीपी की एक समिति ”घटनाओं को रोकने और जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की हिफाजत में नाकाम रहे सुरक्षा महानिदेशक से नीचे के पद के अन्य सुरक्षा कर्मियों की तीन दिन के अंदर पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे।”
बयान में कहा गया है कि आईएएस अधिकारी स्मिता पांडे को तत्काल विभू गोयल की जगह पूर्वी मेदिनीपुर में जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर तैनात किया जाए तथा गोयल को ”किसी गैर-चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए।”
आयोग ने पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रवीण प्रकाश को भी निलंबित रखने और ”बंदोबस्त” करने में भारी नाकामी के लिए उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। बयान में कहा गया है कि सुनील कुमार यादव को प्रकाश के स्थान पर पूर्वी मेदिनीपुर के एसपी के तौर पर तैनात किया जाएगा। चुनाव आयोग ने अपने विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दूबे तथा राज्य सरकार की रिपोर्टों की समीक्षा के बाद ये फैसले लिए है।
इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि रिपोर्टों की समीक्षा करने के बाद आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि तृणमूल कांग्रेस की नेता बनर्जी को जो चोटें आई हैं, वे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों की चूक का परिणाम हैं। बनर्जी बुधवार को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं और उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं। आरोप है कि अज्ञात लोगों ने उन्हें धक्का दिया था।