मध्य प्रदेश की एक अदालत ने सड़क पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन से जुड़े एक मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल की सीजेएम (CJM) कोर्ट ने यह वारंट जारी किया है।
बता दें कि राज्य में बीजेपी को हराने के बाद कांग्रेस ने 15 साल बाद मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाई है। पिछले महीने, निर्वाचन आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में विवादित बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का भी नाम शामिल था।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, संबित पात्रा और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एसएस उप्पल के खिलाफ इस सिलसिले में एक परिवाद भुवनेश्वर प्रसाद मिश्र की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने अदालत में दायर किया था। इस मामले में मैजिस्ट्रेट प्रकाश कुमार उइके ने पात्रा के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया।
परिवाद पत्र के अनुसार 27 अक्टूबर को भोपाल के एमपी नगर में विशाल मेगा मार्ट के पास रास्ता रोक कर और टेंट-कुर्सियां लगाकर आवागमन के मार्ग का बाधित कर दिया गया था और बिना अनुमति के पत्रकार वार्ता का आयोजन कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया गया था।
इस संबंध में चुनाव आयुक्त कार्यालय और पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई थी। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी एल कान्ता राव ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा था कि संबित पात्रा का नाम सड़क किनारे की गई पत्रकार वार्ता से संबंधित मामले में जोड़ दिया गया है।
गौरतलब है कि संबित पात्रा ने भोपाल स्थित नेशनल हेराल्ड की बिल्डिंग के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेरने के लिए नेशनल हेराल्ड जमीन का मामला उठाते हुए कहा कि दशकों तक गांधी परिवार ने देश को लूटने का काम किया है।