भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने ऐसा सनसनीखेज खुलासा किया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, विजय माल्या ने दावा किया है कि वह भारत छोड़ने से पहले देश के वित्त मंत्री से बैंकों से अपने मामले को निपटाने के लिए मुलाकात किया था। माल्या के इस बयान से राजनीतिक भूकंप आना तय है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, प्रत्यर्पण के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान माल्या ने कोर्ट ने बाहर पत्रकारों से कहा कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्तमंत्री (अरुण जेटली) से मिलकर आए थे। माल्या ने कहा, ‘बैंक ने मेरे सेटलमेंट लेकर पर सवाल खड़े किए थे।’ कोर्ट में सुनवाई के बाद पत्रकारों ने जब वित्त मंत्री से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा तो माल्या ने कहा कि वह इस मीटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दे सकते हैं।
#WATCH "I met the Finance Minister before I left, repeated my offer to settle with the banks", says Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court pic.twitter.com/5wvLYItPQf
— ANI (@ANI) September 12, 2018
I met the finance minster to settle matters before I left. The banks had filed objections to my settlement letters: Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court
— ANI (@ANI) September 12, 2018
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले महीने दावा किया था कि विजय माल्या भारत छोड़कर भागने से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात किया था। हालांकि, राहुल ने बीजेपी नेताओं का नाम बताने से इनकार कर दिया था। लंदन में भारतीय पत्रकारों के संगठन के साथ बातचीत में राहुल ने कहा था कि भारत छोड़ने से पहले माल्या ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। यह दस्तावेज में है, लेकिन मैं उन नेताओं का नाम नहीं लूंगा।
बता दें कि किंगफिशर एयरलाइन के 62 वर्षीय प्रमुख पिछले साल अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर है। उसपर भारत में करीब 9000 करोड़ रूपये के धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप हैं। इससे पहले जुलाई में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की न्यायाधीश एमा अर्बुथनाट ने कहा था कि उनके ‘‘संदेहों को दूर करने के लिए’’ भारतीय अधिकारी आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का ‘सिलसिलेवार वीडियो’ जमा करने को कहा था।
भारत सरकार की तरफ से क्राउन प्रासिक्यूसन सर्विस (सीपीएस) ने जिरह की थी और वीडियो अदालत के लिए रजामंदी जताई थी। वीडियो अदालत में जमा कर दिया गया है। माल्या का बचाव करने वाले दल ने जेल के निरीक्षण की मांग की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया को ब्रिटेन के मानवाधिकार संबंधी वादे को पूरा करता है। भारत की ओर से माल्या के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।