गोवा के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने सोमवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना बीजेपी आलाकमान की जिम्मेदारी है कि राज्य की मौजूदा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष के विजय सरदेसाई ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें रविवार को यह बताने के लिए कॉल किया था कि राज्य में सरकार पूरी अवधि समाप्त कर देगी।
जीएफपी के अध्यक्ष और नगर नियोजन मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद पर मनोहर पर्रिकर रहें या नहीं रहें, राज्य सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करना चाहिए।’ सरदेसाई ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब रविवार को पर्रिकर (62) को नई दिल्ली से गोवा लाया गया। बता दें कि अग्नाशय की बीमारी को लेकर दिल्ली के एम्स में मनोहर पर्रिकर का इलाज चल रहा था।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएफपी अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार की दोपहर उन्हें फोन करके गोवा के राजनीतिक हालात पर चर्चा की थी। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘अमित शाह ने मुझसे बात की और मैंने मध्यावधि चुनाव नहीं कराने की बात कही। मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री पद पर रहें या नहीं रहें, सरकार चलनी चाहिए।’
साल 2017 में गोवा में बने गठबंधन को लेकर बीजेपी की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए सरदेसाई ने कहा कि पार्टी आलाकमान, खासकर शाह, ने उन्हें आश्वासन दिया कि पर्रिकर की अगुवाई में बनी सरकार पांच साल चलेगी। उन्होंने कहा, ‘हम भी यही चाहते हैं।’
सरदेसाई ने कहा, ‘इस सरकार को लेकर हमारी प्रतिबद्धता देखते हुए अपनी यह प्रतिबद्धता पूरी करने की जिम्मेदारी बीजेपी आलाकमान पर है कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे।’ उन्होंने कहा, ‘यदि वे (बीजेपी) चाहते हैं तो वे (विधानसभा) भंग कर सकते हैं, लेकिन भंग नहीं करने से साबित होगा कि वे अपना वादा निभाते हैं, गोवा के लोग उन्हें (बीजेपी) देख रहे हैं।’
जीएफपी के नेता ने यह भी कहा कि विपक्षी कांग्रेस मुश्किल स्थिति को गले लगा रही है, क्योंकि वह चाहती है कि विधानसभा भंग कर दी जाए। गोवा में बीजेपी पर ‘सत्ता के लिए भूखी’ होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने शनिवार को मांग की थी कि पर्रिकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसे बहुमत साबित करने का मौका दिया जाए।
बता दें कि गोवा की 40 सदस्यों वाली विधानसभा में पर्रिकर सरकार को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें बीजेपी के 14, जीएफपी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायक हैं जबकि तीन विधायक निर्दलीय भी हैं।