उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिलाधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि चंदन गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि कासंगज में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। इस घटना के सिलसिले में पुलिस अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंसा में शामिल लोगों से सख्ती से निपटने के ऐलान के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और हिंसा से भयभीत लोगों में विश्वास पैदा करने का प्रयास किया। पुलिस ने बताया कि कासगंज में तनाव है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। अधिकारियों ने बताया कि कासगंज हिंसा पर केंद्र की ओर से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट तैयार हो रही है।
उन्होंने कहा कि, ‘‘हम घटना की रिपोर्ट भेज रहे हैं। शांति बहाली के उपाय किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। फिलहाल शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
घरों के दरवाजे तोड़ लोगों को उठा रही पुलिस का वीडियो वायरल
चंदन गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर कासगंज के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें अगल-अलग दावे किए जा रहे हैं। इन एक ताजा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें यूपी पुलिस कथित तौर पर कासगंज हिंसा में शामिल कुछ मुसलमानों के घरों के दरवाजे तोड़कर लोगों को जबरन लेकर जाते हुए दिखाई दे रही है।
इस वीडियो को शेयर कर रहे लोगों का आरोप है कि कासगंज हिंसा को लेकर बेगुनाम मुसलमानों के साथ यूपी पुलिस ज्यादती कर रही है। फेसबुक पर अनस नवाब नाम के एक यूजर ने पांच वीडियो शेयर किया है। इन वीडियो को पोस्ट कर लिखा गया है कि, ‘कासगंज दंगे में बेगुनाह मासूम मुसलमान हो रहे हैं गन्दी राजनीति के शिकार..अल्लाह रहम करे।’
अनस नवाब का ये फेसबुक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट को महज चार घंटों में ही 20 हजार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। वहीं इस पोस्ट पर लोगों की भारी संख्या में प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। हालांकि ‘जनता का रिपोर्टर’ इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।