केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से अडानी की कम्पनी में जो तरक्की की बहार आई वो सबको हैरत में डालने वाली है। सभी प्रमुख खदानों के ठेके, लाइसेंस और बड़े प्रोजेक्ट आज अडानी समूह के नाम है।
मोदी सरकार बनने के बाद अडानी, बाबा रामदेव या दूसरे इसी तरह अचानक से अरबपति बने लोगों की पृष्ठभूमि के पीछे क्या है यह जानने का हर किसी को कौतूहल है लेकिन कम्पनियां बताती है उन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी के दम पर अपनी कम्पनी को इस मुकाम पर पहुंचाया। जब इसी तरह की कोई पड़ताल की जाती है तो उसको किस प्रकार से रोक दिया जाता है इसका एक ताजा उदाहरण हमारे सामने आया।
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों का एक समूह भारत में अडानी ग्रुप के पर्यावरण तथा अन्य ट्रैक रिकॉर्ड की जाँच करने गुजरात आए थे। गुजरात की सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजना पर काम कर रहे अडानी ग्रुप के बारे में पत्रकारों का यह समूह अपनी रिपोर्टिंग कर तथ्य जुटा रहा था। जिसे गुजरात पुलिस ने तुरन्त रुकवा दिया और पत्रकारों से बदसलूकी कर धमकाया।
गुजरात पुलिस पर इन पत्रकारों के समूह ने आरोप लगाया कि उनसे बेहद गम्भीर और तगड़ी पूछताछ की गई साथ ही उन्हें धमकियों का सामना भी करना पड़ा। पत्रकारों का यह समूह ऑस्ट्रेलिया के ‘4 कार्नर्स ’ चैनल से था। पत्रकारों की यह टीम अब वापस चली गई है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार और 4 कॉर्नर के रिपोर्टर स्टीफन लॉँग कहते है कि वे गुजरात मे मुंद्रा पहुंचकर अपना काम कर रहे थे, लेकिन पुलिस उनके होटल पहुंच गई। वे भारत में किए गए तमाम इंटरव्यू और फुटेज को बचाने की कोशिश करने लगे।
इस पूरी बात को ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार स्टीफन ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर बताया वह कहते है कि हमसे करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम हमारे कमरे में घुस आई और हमसे पुछताछ करने लगी।
"Everybody was avoiding the 'A' word – Adani." The #4Corners crew were questioned on and off for 5 hours by Indian police: pic.twitter.com/GkjByUCPc0
— 4corners (@4corners) October 2, 2017
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस दौरान बार-बार मोबाइल पर बात करने के लिए कमरे से बाहर जाता था और लौटने पर उसका रुख़ हमारे प्रति और सख्त हो जाता था। वे लोग अच्छी तरह जानते थे कि हम वहां क्यों आए हैं, लेकिन कोई भी ए (अडानी) शब्द मुंह से नहीं निकाल रहा था।
जानकारी निकालने के बाद पुलिस ने इन ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों के समूह को धमकाना शुरू कर दिया और बताया कि उनके साथ क्या-क्या किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार स्टीफन लॉँग ने बताया कि पुलिस ने हमसे कहा कि अगर हम लोग वापस नहीं गए तो तीन खुफिया एजेंसियों के लोग अगले दिन पूछाताछ करने आएंगे और हम लोग जहां भी जाएंगे, क्राइम स्कावड के जासूस और स्थानीय पुलिस साथ होगी।
जारी किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि किस प्रकार से पुलिस वाले उनके कमरे में घुस और उनकी कारों को रिपोर्टिंग के दौरान रोक दिया गया व पुछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।