लोक लेखा समिति (पीएसी) के चेयरमैन के वी थॉमस ने सोमवार (16 जनवरी) को कहा कि बजट तैयारियों की वजह से वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक को 10 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल उसके समक्ष तय तारीख यानी 20 जनवरी को ही पेश होंगे। पीएसी ने पटेल तथा वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से 20 जनवरी को समिति के समक्ष पेश होने को कहा है। थॉमस ने कहा, ‘बैठक 20 जनवरी को बुलाई गई है और हमारे पास उपलब्ध सूचना के अनुसार पटेल उस दिन आ रहे हैं।
लेकिन वित्त मंत्रालय के अधिकारी उस दिन उपस्थित नहीं रहेंगे। बजट की तैयारियों की वजह से उन्होंने आगे का समय मांगा है। वह बजट प्रक्रिया पूरी होने के बाद समिति के समक्ष पेश होंगे।’ थॉमस के इस बयान से पहले भाजपा सांसद निशिकान्त दुबे ने उनसे पत्र लिखकर 20 जनवरी की बैठक टालने को कहा था। दुबे भी पीएसी के सदस्य हैं।
भाषा की खबर के अनुसार, इस बारे में संपर्क करने पर दुबे ने कहा कि उन्होंने पीएसी के चेयरमैन से मंत्रालय के अधिकारियों को 10 फरवरी के बाद बुलाने को कहा है क्योंकि वे आम बजट की तैयारियों में जुटे हैं। बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘मैंने थॉमस से वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को बजट प्रक्रिया पूरी होने के बाद बुलाने को कहा था।
पूर्व मंत्री ने मेरे इस विचार को स्वीकार किया और अधिकारियों को 10 फरवरी के बाद बुलाने का फैसला किया।’ थॉमस ने पिछले सप्ताह बयान में कहा था कि पीएसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएसी के समक्ष पेश होने को कह सकती है। इस पर भाजपा सदस्यों ने हंगामा किया था। इसके बाद समिति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस नेता की इस बात को खारिज कर दिया।