कश्मीर के उरी में सैन्य ठिकाने पर भीषण आतंकी हमले के बाद भारत कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को तबाह करने के लिए उठती सैन्य कार्रवाई की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्त मंत्री अरच्च्ण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल हुए।
भाषा की खबर के अनुसार, इस बीच, एक और जवान की मौत के साथ कल के आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या 18 हो गई है। हमले में गंभीर रूप से घायल हुए सिपाही के. विकास जनार्दन की दिल्ली स्थित रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
सेना पर हुए इस भीषण हमले से देश में रोष है। पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के आह्वान के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत को कार्रवाई करनी होगी तथा हमले के षड्यंत्रकारियों को दंडित करना होगा तथा इसे अब और हल्के में नहीं लिया जा सकता।
भाजपा के महत्वपूर्ण सहयोगी दल शिवसेना ने उरी हमले को लेकर मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि उनमें ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए अमेरिका की तरह पाकिस्तान पर हमला करने का साहस नहीं है तो अंतरराष्ट्रीय छवि बनाने का कोई मतलब नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को आतंकी हमले के मद्देनजर कश्मीर घाटी की जमीनी स्थिति से अवगत कराया। रविवार को हमले के बाद रक्षामंत्री और सेना प्रमुख ने कश्मीर का दौरा किया था।
हमला स्थल से सुराग तथा अन्य सबूत जुटाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम के भी उरी जाने की उम्मीद है। इससे पहले सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा था कि मारे गए चारों आतंकवादी विदेशी आतंकवादी थे और उनके पास मौजूद साजो सामान पर पाकिस्तान में निर्मित होने के निशान थे। शुरूआती रिपोर्टों से संकेत मिला कि वे जैश ए मोहम्मद तंजीम से ताल्लुक रखते थे।