उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार मदरसों पर आजकल विशेष जोर दे रही है। मदरसों को ऑनलाइन करने के बाद अब योगी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसके मुताबिक मदरसों की मजहबी किताबों के साथ-साथ अब छात्रों को एनसीईआरटी की किताबें भी पढ़ाई जाएगी। इसमें खास तौर पर गणित और विज्ञान की किताबें एनसीईआरटी की होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, योगी सरकार ने यूपी के मदरसों के सिलेबस में बदलाव करते हुए एनसीईआरटी की किताबें शामिल करने को मंजूरी दे दी है। इस तरह शिक्षा के स्तर पर मदरसों की तस्वीर बदलने की कवायद बोर्ड की तरफ से शुरू हो गई है। इसके बाद जल्द ही कुरान व महजबी किताबों के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा की किताबें भी मदरसों में दिखेंगी। यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
मदरसों में NCERT की किताबों से भी होगी पढ़ाई, मदरसा बोर्ड कर रहा तैयारी। pic.twitter.com/Q7S1G6lxe7
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) October 30, 2017
बता दें कि उत्तर प्रदेश में तहतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के कुल 19,143 मदरसे बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं। NBT में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक तहतानियां (1 से 5) और फौकानिया (5 से 8) स्तर के मदरसों में ही यह विषय पढ़ाये जाते थे, लेकिन अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद मदरसा बोर्ड आलिया या उच्च आलिया स्तर (हाई स्कूल व उससे ऊपर) के मदरसों में भी गणित और विज्ञान जैसे विषयों को अनिवार्य करेगा।
अभी तहतानियां और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषय पाठयक्रम में शामिल हैं लेकिन मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल (हाई स्कूल और हाई स्कूल के बाद) में गणित, इतिहास, भूगोल व विज्ञान वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाये जाते हैं। नये सिलेबस में हिंदी और अंग्रेजी को छोड़कर बाकी सभी विषयों की किताबें उर्दू भाषा में होंगी।
2682 मदरसों की मान्यता रद्द करेगी योगी सरकार
बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने फर्जीवाड़े और अनियमितता रोकने के लिए मदरसों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का फैसला किया था। पिछले दिनों राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उन सभी मदरसों को जो सरकारी अनुदान पाते हैं, उन्हें ऑनलाइन करने के लिए डेडलाइन दी थी। लेकिन अंतिम तिथि से पहले वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स (विवरण) अपलोड नहीं करने वाले 2,682 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया था कि ऑनलाइन विवरण अपलोड करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर थी। वहीं, वेब पोर्टल पर विवरण अपलोड करने वाले 16,461 मदरसों की मान्यता बरकरार रहेगी और उन्हें अनुदान का हक होगा, लेकिन 2,682 मदरसों ने अपनी डिटेल्स वेबसाइट पर नहीं दी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में तहतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के कुल 19,143 मदरसे हैं। इस वेबसाइट पर शिक्षक, मदरसों के अन्य कर्मचारी और छात्रों के विवरण के अलावा इमारत की फोटो और क्लासरूम की माप सहित अन्य दूसरी जानकारियां भी देनी थी।
इससे पहले वेबसाइट पर आ रही दिक्कतों को देखते हुए मदरसा बोर्ड ने ब्योरा देने की आखिरी तारीख दो बार बढ़ाते हुए पहले 30 सितंबर किया गया फिर इसे बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी गई थी। इसके बावजूद 16,461 मदरसों ने ही अपना विवरण साइट पर अपलोड किया। इस लिहाज से अब 2,682 मदरसे सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे।