उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही राज्य के करीब 2,682 मदरसों की मान्यता रद्द कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतिम तिथि से पहले वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स (विवरण) अपलोड नहीं करने वाले इन मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। योगी सरकार ने बार-बार इसकी समयसीमा बढ़ाई थी, लेकिन इन मदरसों द्वारा अभी तक डिटेल्स नहीं दी गई है।
NDTV के मुताबिक, एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि ऑनलाइन विवरण अपलोड करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर थी। वहीं, वेब पोर्टल पर विवरण अपलोड करने वाले 16,461 मदरसों की मान्यता बरकरार रहेगी और उन्हें अनुदान का हक होगा, लेकिन 2,682 मदरसों ने अपनी डिटेल्स वेबसाइट पर नहीं दी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इससे पहले सितंबर महीने में सरकार ने प्रदेश के 46 मदरसों पर सरकारी मदद पर रोक लगा दी थी। शासन की जांच रिपोर्ट में मानक के अनुरूप मदरसों में कमी पाई गई थी। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार के तहत मदरसा शिक्षा परिषद ने madarsaboard.upsdc.gov.in वेबसाइट बनाई थी।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने इस मामले पर कहा कि जिन मदरसों ने वेबसाइट पर अपना ब्यौरा दे दिया है, सिर्फ उन्हीं की मान्यता बरकरार रहेगी। बाकी के मदरसों पर कार्रवाई होगी। गुप्ता ने बताया कि आखिरी तारीख तक कुल 32,483 शिक्षकों का डाटा आधार लिंक से अपलोड हुआ है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में तहतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के कुल 19,143 मदरसे हैं। इस वेबसाइट पर शिक्षक, मदरसों के अन्य कर्मचारी और छात्रों के विवरण के अलावा इमारत की फोटो और क्लासरूम की माप सहित अन्य दूसरी जानकारियां भी देनी थी।
इससे पहले वेबसाइट पर आ रही दिक्कतों को देखते हुए मदरसा बोर्ड ने ब्योरा देने की आखिरी तारीख दो बार बढ़ाते हुए पहले 30 सितंबर किया गया फिर इसे बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी गई थी। इसके बावजूद 16,461 मदरसों ने ही अपना विवरण साइट पर अपलोड किया। इस लिहाज से अब 2,682 मदरसे सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे।
दरअसल, नए नियमों के अनुसार मदरसों के शैक्षणिक कर्मियों को ऑनलाइन के जरिए से ही तनख्वाह मिलनी थी, लिहाजा उनका वहां पर ब्यौरा देना अनिवार्य था। सरकार का कहना है कि यह कदम फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया गया है, जिसके तहत 2,682 मदरसों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।