केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले में अपने पहले आरोप पत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ शुक्रवार को हत्या के आरोप हटा दिए। बता दें कि, इस सड़क हादसे में पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल अपने पहले आरोपपत्र में सीबीआई ने प्राथमिकी में नामजद सेंगर और अन्य सभी आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने एवं डराने-धमकाने से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोपी बनाया है। गौरतलब है कि, सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में कुलदीप सेंगर और नौ अन्य के विरूद्ध आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास और डराने धमकाने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
सेंगर को हाल ही में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। सेंगर ने 2017 में पीड़िता का कथित तौर पर बलात्कार किया था, उस समय पीड़िता नाबालिग थी। वह 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दिया था, जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और वह और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे से जुड़े ट्रक चालक आशीष कुमार पाल पर लापरवाही के चलते किसी की मौत की वजह बनने, किसी की जान जोखिम में डालकर उसे गंभीर चोट पहुंचाने, लापरवाही से वाहन चलाने से संबद्ध भादंसं की धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सीबीआई के आरोप पत्र में पाल के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार से कुछ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है, लेकिन उनकी पहचान उजागर नहीं की। हादसे के समय पीड़िता की सुरक्षा में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस का कोई सुरक्षा कर्मी उसके साथ नहीं था। इन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।हादसे के दो दिन बाद सीबीआई ने 30 जुलाई को सेंगर, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के दामाद अरुण सिंह और सात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।