भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बयान से प्रतीत होता है कि उन्होंने मजाकिया अंदाज (अप्रत्यक्ष रुप) में अंग्रेजी न्यूज़ चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ की स्थापना करने वाले चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के द्वारा आयोजित शो को लेकर कथित तौर पर उनकी आलोचना की है।
समाचार चैनल आजतक के कार्यक्रम ‘एजेंडा आजतक’ में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, भारतीय मीडिया ने अपने टीआरपी को बढ़ावा देने के लिए केवल नकारात्मक खबरों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने नो बॉल डाल दिया है तो आप बार-बार दिखाते हैं। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों को भी सुधार लाना होगा और मीडिया को भी थोड़ा बदलना होगा। उन्होंने कहा कि माहौल इस प्रकार का हो गया है कि अच्छा काम करने वालों को सम्मान नहीं मिलता है और बुरा करने वालों को सजा नहीं मिलती है।
यह कई मौको पर होता है। आज आप शपथ लेते हैं कि अब आप अच्छी खबरों को प्राथमिकता देंगे। लेकिन जब कोई ग़लती होती है तो आप तुरंत उसे कवरेज करना चाहत है। एक राजनेता एक बयान देता है और आप शाम को 8 और 9 के बीच बहस करेंगे और पूछेंगे की ‘देश जानना चाहते हैं’।
इंडिया टीवी, 24×7 news business आमतौर पर शाम को बहस करते हैं। ‘रिपब्लिक टीवी’ के अर्नब गोस्वामी भी लगभग एक दर्जन मेहमानों के साथ डिबेट का आयोजन करते है। टाइम्स नाउ में उन्होंने अपने संपादक-इन-चीफ के रूप में काम करते हुए ‘देश जानना चाहते हैं’ शब्द को लोकप्रिय बना दिया था। अब उनके पास रिपब्लिक टीवी है जिस पर वो कार्यक्रम करते है और कहते है ‘देश जानना चाहता हैं’।
नितिन गडकरी के ‘देश जानना चाहता है’ के बयान से स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि उनका सीधा संदर्भ अर्नब गोस्वामी से है। जिस पर कथित तौर पर बीजेपी के एजेंडे को अपने चैनल के माध्यम से बढ़ावा देने का आरोप है। बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के साथ मिलकर ‘रिपब्लिक टीवी’ की स्थापना की थी।
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को ‘दलित’ बताना नो-बॉल था। वास्तव में, गोस्वामी में उनकी अप्रत्यक्ष खुदाई (indirect dig) भगवान हनुमान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणियों पर एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। हालांकि, उन्होंने मीडिया को दोषी ठहराया कि वे आदित्यनाथ के भाषण के सनसनीखेज तत्वों को चुनते हैं और अन्य अर्थपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा, आप (मीडिया) अच्छी चीजें नहीं देखते हैं, आप केवल हनुमान पर किसने कहा था उसे चुनते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने नो बॉल डाल दिया है तो आप बार-बार दिखाते हैं। बता दें कि ‘नो-बॉल’ जो एक क्रिकेट शब्दावली है और विपरीत पक्ष को लाभ देती है, जिससे अधिक गेंद खेलने और अधिक रन बनाने का मौका मिलता है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भगवान हनुमान को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था। सीएम योगी के इस बयान से नाराज राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा ने उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा है।