देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। आग की तरह फैल रही ‘मीटू’ मुहिम की लपटें अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर तक पहुंच गई है। इस बीच मीटू अभियान के तहत महिलाओं की तरफ से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर रविवार (14 अक्टूबर) सुबह भारत लौट आए हैं।
[File: Sonu Mehta/Getty Images]एयरपोर्ट से निकलते ही पत्रकारों के सवालों पर अकबर ने कहा कि इस मामले में बाद में बयान जारी किया जाएगा। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वह अपना इस्तीफा सौंपेंगे लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। आपको बता दें कि देश में आग की तरह फैल रहे #MeToo मुहिम में करीब 9 महिलाओं ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। नाइजीरिया के दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर रविवार की सुबह राजधानी दिल्ली लौटे।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, दिल्ली लौटते ही केंद्रीय मंत्री पत्रकारों के सवालों से कन्नी काटते नजर आए और इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि, पत्रकारों के बार-बार सवाल पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे बाद में बयान देंगे और फिर चलते बने। उन्होंने कहा कि मैं बाद में बयान जारी करूंगा।
#WATCH Delhi:Union Minister MJ Akbar returns to India amid accusations of sexual harassment against him, says, "there will be a statement later on." pic.twitter.com/ozI0ARBSz4
— ANI (@ANI) October 14, 2018
दरअसल, माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते केंद्र सरकार और बीजेपी जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे मामले में बीजेपी पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है। यही वजह है कि विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ भी नहीं कह रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है।
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई नेताओं ने एमजे अकबर पर लगे आरोपों के बारे में बयान दिया था। अमित शाह ने बयान में कहा कि देखना होगा कि ये सच है या झूठ। हमें इस आरोप और आरोप लगाने वाले की सच्चाई की जांच करानी होगी।
शाह ने कहा था, ‘देखना पड़ेगा कि यह सच है या गलत। हमें उस शख्स के पोस्ट की सत्यता जांचनी होगी, जिसने आरोप लगाए हैं। आप मेरा नाम भी इस्तेमाल करते हुए कुछ भी लिख सकते हैं।’ हालांकि उन्होंने जांच की बात पर यह कहा, ‘इस पर जरूर सोचेंगे।’
वहीं, अकबर पर सवाल पूछे जाने के बाद स्मृति ईरानी ने कहा था कि इस मुद्दे पर संबंधित व्यक्ति का ही बोलना बेहतर होगा क्योंकि मैं व्यक्तिगत तौर पर वहां मौजूद नहीं थी।’ केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जो भी इस मामले में सामने आकर बोल रही हैं, उनका न तो किसी भी तरह से मजाक उड़ाना चाहिए और न ही उन्हें शिकार बनाया जाना चाहिए।
कुछ समय पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से एमजे अकबर पर लगे आरोपों के बारे में सवाल किए गए थे लेकिन दोनों ने सवालों को टाल दिया था। सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में 9 महिलाओं ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
आपको बता दें कि भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 9 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं। इन महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, सिंगर कैलाश खेर, लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, अभिनेता आलोक नाथ, हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक प्रशांत झा, रघु दीक्षित, कमेंटेटर सुहेल सेठ, महिला कॉमिक स्टार अदिति मित्तल, बॉलीवुड के शोमैन सुभाई घई, फिल्ममेकर साजिद खान, लेखक-निर्देशक पीयूष मिश्रा और बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी भी ‘मी टू’ की चपेट में आए हैं, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लगे हैं।