कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘भारत बंद’ के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- वार्ता से निकलेगा किसानों के मसले का हल

0

कृषि कानूनों पर जारी किसान आंदोलन के बीच केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर आश्वस्त हैं कि वार्ता से ही किसानों की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से किसानों के नाम पर सियासत नहीं करने की अपील की है।

File photo

केन्द्रीय मंत्री तोमर ने मंगलवार को यहां संवाददताओं से बातचीत के दौरान किसान आंदोलन में आगे आने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, पूर्व में भी मैंने कहा है कि किसानों के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक दल किसानों के नाम पर राजनीति कर रहें हैं वे अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि वे या तो पहले अपने घोषणा पत्र में किसानों को गुमराह कर रहे थे या अब उनको गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

तोमर ने कहा कि पूर्व की सरकारों की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण किसान बर्बादी की कगार पर चले गए थे। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खेती किसानी को पटरी पर लाने का जी तोड़ प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस समय जरूरत इस बात की है कि कोई भी किसानों को गुमराह करने का प्रयास न करे।

पूर्व कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और इस सिलसिले में वह राष्ट्रपति से मिलने वाले हैं। इससे पहले वे विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पवार साहब देश के बड़े नेता हैं और मैं समझता हूं कि वे इन सुधारों के संबंध में कई मंचों पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। तोमर ने कहा कि कृषि मंत्री के रूप में वो राज्यों से इन सुधारों को लागू करने का आग्रह कर चुके हैं।

तोमर ने कहा कि बाकी राजनीतिक दल कुछ भी कहे लेकिन मैं समझता हूं कि पवार सहाब को यह सब शोभा नहीं देता।केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा वह किसान नेताओं से बात कर रहे हैं और वार्ता के माध्यम से कोई न कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा, मैं आशावान हूं कि वार्ता के माध्यम से कोई न कोई समाधान होगा। केन्द्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सिमाओं पर 26 नवंबर से किसान संगठनों से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और मंगलवार को किसान नेताओं ने देशव्यापी बंद का आहवान किया था।

इससे पहले केन्द्र सरकार के साथ किसानों की समस्याओं को लेकर पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं और अगले दौर की वार्ता 9 दिसम्बर बुधवार को होने जा रही है। कृषि मंत्री इस बात से आश्वस्त हैं कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकलेगा। केन्द्र सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को उनके द्वारा सुझाए गए कुछ बिंदुओं पर कृषि कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि वे तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।

Previous articleMathew Wade’s 53-ball 80 guides Australia to win against India in final T20 International, lose series 1-2
Next article“You were suffering for past years”: IAS topper Tina Dabi’s cryptic post prompts fans to link gut-wrenching lines to failed marriage with husband Athar Aamir Khan