प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजनओं में से एक आधार कार्ड से बैंक, मोबाइल व अन्य जरूरी चीजों को लिंक कराने की योजना भी है जिस पर सुरक्षा को लेकर अब सवालिया निशान लगने लगे है।
आधार कार्ड की जानकारी सुरक्षित नहीं है इसका खुलासा द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में किया गया है। खबर के मुताबिक उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप से मात्र 500 रुपये में ये सर्विस खरीदी और करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया। उनके संवाददाता ने 500 रुपये में एक अज्ञात शख्स से व्हाट्सअप के जरिये एक ऐसा साफ्टवेयर लिया जिसके जरिये भारत के लगभग एक अरब लोगों का आधार डाटा की जानकारी ली जा सकती थी।
जबकि इस मामले में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून द्वारा की गई तहकीकात को खारिज कर दिया है। यूआईडीएआई ने आश्वस्त किया है कि किसी भी तरह का आधार डेटा लीक नहीं हुआ है। बायोमैट्रिक जानकारी सहित आधार का का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है।
इस मामले में कांग्रसे ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि जिस योजना को यूपीए सरकार ने लोगों को विकास के दायरे में लागू करने के लिए चुना था वह योजना अब एनडीए सरकार में आपके पहचान को चुराने का जरिया बन गया है।
Rs 500. That's all it takes for someone to steal the data of a billion citizens. Envisioned by UPA as a tool for inclusion, #Aadhaar has become an identity theft nightmare under the NDA. https://t.co/bj5AWLR9JU
— Congress (@INCIndia) January 4, 2018