उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के अठिला ग्राम में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ में कथित घोटाले के मामले में पुलिस ने दो सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, रसड़ा कोतवाली के प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्रा ने गुरूवार को बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी को अठिला गांव के ग्रामीणों ने शिकायती पत्र देकर प्रधानमंत्री आवास में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नोडल अधिकारी ने रसड़ा के उप जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन को इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उप जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि गांव में 14 अपात्र लोगों को आवास आवंटित कर दिया गया है। इसके साथ ही 16 लोगों ने आवास के लिये प्रथम किश्त के 1.20 लाख रुपये का आहरण कर लिया है, लेकिन आवास निर्माण नहीं हुआ है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत सचिव ने आवास निर्मित होने की सत्यापन आख्या दे दी।
उप जिलाधिकारी की जांच आख्या के आधार पर खण्ड विकास अधिकारी अशोक कुमार बुधवार को इस मामले में रसड़ा कोतवाली में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी व 23 अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी हर्षदेव तथा ग्राम पंचायत अधिकारी विजयशंकर को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वादा किया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2022 तक देश के सभी नागरिकों को घर मुहैया कराए जाएंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने 25 जून, 2015 को महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना शुरू की थी। इसके तहत 2022 तक शहरी गरीबों के लिए 2 करोड़ घर तैयार करने की योजना थी। उस वक्त पीएम मोदी ने देशवासियों से वादा किया था कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश के हर नागरिक के पास अपना घर होगा।