सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के भारत में नियुक्त किए गए अंतरिम शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने कुछ दिनों के बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है।
हालांकि, ट्विटर ने चतुर के कथित इस्तीफे पर औपचारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन सोशल मीडिया कंपनी की वेबसाइट पर अब चतुर का नाम नहीं दिख रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ के लिए दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली 2021 के तहत मंचों को अपनी वेबसाइट पर उक्त आधिकारी का नाम और सम्पर्क के पते देना जरूरी है। ट्विटर ने घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
चतुर ने यह इस्तीफा ऐसे समय में दिया है जब नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर सूक्ष्म संदेशों के आदान-प्रदान की यह साइट सरकार के निशाने पर है। सरकार ने ट्विटर पर जानबूझकर इन नए नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है और उसकी आलोचना की है।
नये नियम 25 मई से लागू हो गए हैं। ट्विटर ने अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में मध्यस्थ डिजिटल मंचों को ‘संरक्षण के प्रावधान’ के जरिए मिलने वाली छूट का अधिकार खो दिया है।
नये नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।
ट्विटर ने पांच जून को सरकार द्वारा जारी अंतिम नोटिस के जवाब में कहा था कि वह नये नियमों का पालन करना चाहती है और जल्द ही मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति का ब्यौरा साझा करेगी। इस बीच इसने चतुर को भारत के लिए अंतरिम शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था।
अब ट्विटर के वेबसाइट पर भारत के लिए शिकायत समाधान अधिकारी के नाम की जगह पत्राचार का एक अमेरिका का एक पता और ई-मेल पता दिया गया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार ट्वीटर नए नियमों का अनुपालन न करने के कारण मध्यस्थ को मिलने वाले विधिक संरक्षण खो चुकी है और अब उसे मंच की किसी भी समग्री के लिए जवाब देह ठहराते हुए उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा सकती है।