माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डॉर्सी और उनकी कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने आईटी संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया है। जैक डॉर्सी सहित शीर्ष अधिकारियों को सूचना-प्रौद्योगिकी यानी आईटी के लिए बनी संसदीय समिति द्वारा समन भेजकर 11 फरवरी को पेश होने को कहा गया था। समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को पेश होने के लिए 10 दिन का समय दिया था। संसदीय समिति ने एक फरवरी को ट्विटर को पत्र भेजकर बुलाया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर समिति ने ट्विटर के इन वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक फरवरी को आधिकारिक पत्र के माध्यम से ट्विटर को एक समन जारी किया था। अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली समिति ने एक फरवरी को ट्विटर सीईओ के लिए समन जारी किया था।
इसमें उनसे अगली बैठक में पेश होने को कहा गया था। इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मसले पर जवाब-तलब के लिए उन्हें बुलाया गया था। अनुराग ठाकुर ने खुद इस संबंध में ट्विट कर लोगों से सुझाव भी मांगे थे।
The Parliamentary Commitee on Information Technology will examine the issue:
SAFEGUARDING CITIZENS RIGHTS ON SOCIAL/ONLINE NEWS MEDIA PLATFORMS
MEITY & TWITTER will present their views.
You can tweet/email your views:
comit@sansad.nic.in pic.twitter.com/bDYoSv5OHd— Anurag Thakur (@ianuragthakur) February 5, 2019
संसदीय समिति की बैठक पहले सात फरवरी को होने वाली थी, लेकिन बाद में ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों के कारण इसे 11 फरवरी को स्थगित कर दिया गया। समिति का मानना था कि ये समय इसलिए बढ़ाया गया ताकि ट्विटर के अधिकारियों को समिति के सामने पेश होने के लिए पर्याप्त समय मिल सकें। हालांकि इतना वक्त देने के बावजूद अभी ट्विटर ने यात्रा के लिए 10 दिन मिलने के बावजूद कारण के तौर पर ‘सुनवाई के लिए कम समय मिलने’ का हवाला दिया है।
Twitter CEO and senior officials of the company have refused to appear before the Parliamentary Committee on Information Technology on February 11, citing “short notice” of the hearing
Read @ANI story | https://t.co/POBUnVnvdW pic.twitter.com/nwB9AhvhQP
— ANI Digital (@ani_digital) February 9, 2019
पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि ट्विटर ने ‘सुनवाई के संक्षिप्त नोटिस’ का हवाला देकर समिति के सामने पेश होने से इनकार किया है, जबकि उन्हें यहां पहुंचने के लिए 10 दिन का लंबा समय दिया गया था। बता दें कि ट्विटर के अधिकारियों ने समिति के सामने पेश होने से ऐसे समय में इनकार किया है, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों की डेटा गोपनीयता और चुनाव हस्तक्षेप में सुरक्षा को लेकर भारत सहित विश्व भर में चिंताएं बढ़ रही हैं।
असहाय BJP समर्थकों ने ट्विटर पर किया विरोध
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति द्वारा समन किए गए ट्विटर सीईओ और अधिकारियों द्वारा फिलहाल भारत आने से इनकार करने के बाद बीजेपी समर्थक भड़क गए हैं और वे ट्विटर पर इसका भारी विरोध करना शुरू कर दिए हैं। समिति इन लोगों से सोशल मीडिया पर लोगों के हितों की रक्षा किस प्रकार की जा रही है, इसके संबंध में बातचीत करना चाहती थी। समिति के सामने पेश होने के लिए करीब 10 दिन दिए गए, फिर भी ट्विटर ने इस वक्त को कम बताया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी संगठन यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर ने ‘दक्षिणपंथ विरोधी रुख’ अख्तियार किया है और उनके ट्विटर खातों को बंद कर दिया है। हालांकि, ट्विटर ने इन आरोपों से इनकार किया है। ट्विटर का कहना है कि वह विचारधारा के आधार पर भेदभाव नहीं करता। बीजेपी समर्थक यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के कुछ लोगों ने इस बारे में अनुराग ठाकुर को भी पत्र लिखा था।