माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के उस ट्वीट को हटा दिया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की दलित बच्ची से रेप और हत्या मामले की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर शेयर की थी। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर जो तस्वीर शेयर की थी, उसमें पीड़िता के माता-पिता का चेहरा दिख रहा था।
दरअसल, दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की दलित बच्ची की कथित तौर पर बलात्कार करने के बाद हत्या की घटना के बाद हाल ही में राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने अपनी एक तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की थी। इस तस्वीर में कांग्रेस नेता पीड़िता के माता-पिता नजर आ रहे थे। जिसके बाद राहुल गांधी पर आरोप लगा कि उन्होंने रेप पीड़िता की पहचान को उजागर किया है।
इस मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने ट्विटर से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करें। बाल आयोग ने ट्विटर इंडिया के शिकायत अधिकारी को लिखे पत्र में कहा था कि किसी भी नाबालिग पीड़िता के परिवार की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करना किशोर न्याय कानून, 2015 की धारा 74 और बाल यौन अपराध रोकथाम कानून (पॉक्सो) की धारा 23 का उल्लंघन है।
कांग्रेस नेता ने तस्वीर के साथ ट्वीट कर कहा था, ‘‘माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है। और न्याय के लिए इस रास्ते पर मैं उनके साथ हूं।”
गौरतलब है कि, देश की राजधानी दिल्ली के कैंट इलाके में 9 वर्षीय दलित बच्ची की रेप के बाद हत्या कर देने का मामला गर्मा गया है। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। परिजनों का आरोप है कि बच्ची की रेप के बाद जबरन उसके शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया है। इस मामले पर विपक्ष भी लगातार सरकार पर सवाल उठा रही है।
श्मशान घाट के एक पुजारी सहित चार आरोपियों पर आरोप लग रहा है कि बच्ची के साथ रेप किया गया और फिर उसे मार दिया गया, जिसके बाद लड़की के शव का उसके माता-पिता की सहमति के बिना या पुलिस को सूचित किए बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया। गया। वहीं, पुलिस ने इस मामले में श्मशान घाट के पुजारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हत्या समेत पोक्सो एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।