टाइम्स नाउ ने अपने चैनल की टीआरपी कम दिखाने को लेकर ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें 450 करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे की मांग की हैं। बता दें कि, यह नोटिस रिपब्लिक टीवी के संस्थापक अर्नब गोस्वामी की BARC के पूर्व CEO पार्थ दासगुप्ता के साथ कथित व्हाट्सएप चैट वायरल होने के बाद भेजा गया हैं।
नोटिस में कहा है कि बार्क ने उसके चैनल टाउम्स नाऊ की टीआरपी को गलत तरीके से हेरफेर कर कम करके दिखाया। बीसीसीएल यानी टाइम्स ग्रुप ने बार्क से 450 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना भुगतान करने को कहा है। यह भी कहा है कि वह बयान जारी कर बताए कि बीसीसीएल का चैनल टाइम्स नाउ बिना किसी विवाद के लीडर था और 2017-2019 के बीच नंबर वन था।
बीसीसीएल (बेनेट कॉलमन ऐंड कंपनी लिमिटेड) की ओर से कहा गया है कि बार्क ने टीआरपी में अवैध और फ्रॉड तरीके से हेरफेर किया और कपट वाला काम किया है। बार्क, उसके अधिकारी और सदस्य सीधे और परोक्ष तौर पर कपटपूर्ण और अवैध गतिविधि में शामिल रहे हैं। इनकी मंशा थी कि बीसीसीएल को नुकसान पहुंचाया जा सके। 25 दिसंबर 2020 को मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बार्क के ऑडिट में पाया गया है कि कई चैनलों की टीआरपी में हेरफेर की गई है।
बार्क को भेजे लीगल नोटिस में कहा गया है, ‘हमारा चैनल टाइम्स नाउ अंग्रेजी में 2017 तक नंबर वन चैनल रहा और लीडर रहा है। उसे अवैध तरीके से दूसरे नंबर का बनाया गया। एक नए लॉन्च चैनल को नंबर वन बना दिया गया। मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा था कि व्यूअरशिप और टीआरपी में हेरफेर की गई। पुलिस के मुताबिक, बार्क ने गलत मंशा से जानबूझकर ये सब किया और इससे बीसीसीएल को नुकसान उठाना पड़ा है। बार्क ने इस मामले में 24 जुलाई 2020 को गलत रिपोर्टिंग की है। बार्क ने अपनी ओर से कोई कोशिश भी नहीं की कि इस हेराफेरी और कपटपूर्ण गतिविधि को पुलिस को रिपोर्ट की जाए।’
नोटिस में कहा गया है, ‘फॉरेंसिक रिपोर्ट, चार्जशीट, पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस और छानबीन से पता चलता है कि बार्क ने कपटपूर्ण काम किया है। देखा जाए तो बार्क ने विश्वास के साथ छल किया है। उसने गाइडलाइंस, नीति, रेग्युलेशन और नियम का उल्लंघन किया है। टाइम्स नाउ चैनल के व्यूअरशिप और टीआरपी को जानबूझकर कम किया गया, ताकि नए चैनल को फायदा पहुंचाया जा सके। इससे बीसीसीएल के रेवेन्यू पर विपरीत असर हुआ है। उसके ग्रोथ, प्रतिष्ठा और गुडविल पर असर हुआ है। टाइम्स ग्रुप की छवि पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर हुआ है। बीसीसीएल (टाइम्स ग्रुप) सम्मानित मीडिया हाउस है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक सहित मीडिया के तमाम बिजनेस से जुड़ा है। इसका इंग्लिश न्यूज चैनल टाइम्स नाउ है।’
इसके अलावा नोटिस में कहा गया है, ‘बार्क टीआरपी घोटाले में सक्रिय तौर पर शामिल है। इस कारण उस पर सिविल के साथ-साथ क्रिमिनल केस भी बनता है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में खयानत, आपराधिक साजिश, जानबूझकर अपराधी को छुपाने और सबूत नष्ट करने जैसे मामले बनते हैं।’
बार्क को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि वह 431 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर बीसीसीएल को भुगतान करे। साथ ही, लाइसेंस फीस के तौर पर 21.83 करोड़ रुपये का भी बार्क भुगतान करे। इस रकम का 18 फीसदी सालाना ब्याज का भी भुगतान किया जाए। वह अपनी वेबसाइट पर बयान जारी करे कि उसके रेकॉर्ड के मुताबिक टाइम्स नाउ चैनल नंबर वन चैनल था और बिना किसी संदेह के वह 2017 से 2019 के बीच लीडर रहा।
बार्क को भेजे नोटिस में बीसीसीएल ने कहा है, ‘बार्क इस संबंध में अपने बयान को पांच शीर्ष अंग्रेजी और हिंदी न्यूज चैनल में अपने खर्चे पर जारी करे। हिंदी और अंग्रेजी अखबार में भी उस बयान को जारी करे। इसके अलावा, फॉरेंसिक रिपोर्ट और चार्जशीट के आधार पर गलती करने वाले ब्रॉडकास्टर और चैनल्स के साथ-साथ बार्क के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। बीसीसीएल की लीगल टीम की ओर से कहा गया है कि सात दिनों के भीतर नोटिस की शर्तों का पालन किया जाए। ऐसा नहीं करने पर उनके मुवक्किल (बीसीसीएल) बार्क के खिलाफ क्रिमिनल और सिविल कार्रवाई शुरू करेगी।’