“देश के प्रधानमंत्री को मानते हैं या नहीं?”: ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ पर डिबेट के दौरान एंकर सुशांत सिन्हा से हुई बहस तो राकेश टिकैत ने पूछा- ‘आप BJP की तरफ से हो या प्रेस की तरफ से?’

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हाल ही में लॉन्च हुए टाइम्स नाउ ग्रुप के नए हिंदी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ पर चल रही एक डिबेट के दौरान एंकर सुशांत सिन्हा और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत के बीच जोरदार बहस देखने को मिली, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

टाइम्स नाउ नवभारत

दरअसल, डिबेट शो ‘न्यूज़ की पाठशाला’ में राकेश टिकैत ने कहा कि वो दिवाली भी दिल्ली के बॉर्डर पर ही मनाएंगे। शो के एंकर सुशांत सिन्हा ने उनसे शो में पूछा, ‘आप देश के प्रधानमंत्री को मानते हैं? पहले ये बताइए।’ उनके सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम तो मानते हैं तभी तो कह रहे हैं।’ टिकैत के इस जवाब पर सुशांत सिन्हा ने फिर सवाल किया, ‘फिर देश के प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि आप आइए और बात कर लीजिए। आपके पास संसद के बाहर मंडी लगाने की फुर्सत है, जाकर बात करने की फुर्सत नहीं है।’

इसपर राकेश टिकैत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘नहीं, नहीं आप बात करा दो, आप बन जाओ हमारे बिचौलिए।’ जब सुशांत सिन्हा उनकी बातों के बीच में ही बोलने लगे तब टिकैत ने कहा, ‘पूरी बात मत बोलने दो, आप भी बीच में बात काटो।’ सुशांत सिन्हा कह रहे थे, ‘आप देश में घूम-घूम कर बीजेपी को वोट मत दो, कह सकते हैं। जाकर कृषि मंत्री से बात नहीं कर सकते? आप जाइए और बैठ जाइए वहां।’ उनकी इस बात पर नाराज राकेश टिकैत ने कहा, ‘आप बीजेपी की तरफ से हो या प्रेस की तरफ से हो? ये बीजेपी वाली भाषा बोल रहे हो।’

बता दें कि, टिकैत ने ऐलान किया था कि वह इस बार दिवाली पर घर नहीं लौटेंगे। टिकैत ने कहा था कि वह बॉर्डर पर ही किसानों के बीच दिवाली मनाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान अपना हक लेकर रहेंगे। टिकैत ने कहा कि सरकार ने अगर मांगें नहीं मानी तो 27 नवंबर से आंदोलन को नया रूप दिया जाएगा।

दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों के किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर करीब 11 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों ने होली का त्योहार भी यहीं पर मनाया था। इस बार की दिवाली भी किसान दिल्ली के बॉर्डर पर ही मनाने जा रहे हैं।

 

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