राफले डील: फ्रांस्वा ओलांद के बयान को दिखाने के लिए संघर्ष करते नजर आए टाइम्स नाऊ के संपादक, अर्नब गोस्वामी ने नहीं की कोई डिबेट

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राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज खुलासे ने मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी है। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर हो चुकी है और एक के बाद एक हमला बोल रही हैं।

फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।

फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले और तेज कर दिए। यहां तक ​​कि पीएम मोदी के कुछ कट्टर समर्थकों ने भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री ओलांद की सनसनीखेज खुलासे के बाद बच निकलने के लिए संघर्ष कर रहें हैं।

फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान कि भारत सरकार ने एक खास संस्था को राफेल में दसॉल्ट एविएशन का साझीदार बनाने के लिये जोर दिया, की पुष्टि की जा रही है।’ प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘एक बार फिर इस बात को जोर देकर कहा जा रहा है कि इस वाणिज्यिक फैसले में न तो सरकार और न ही फ्रांसीसी सरकार की कोई भूमिका थी।’

माइक्रोबब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने टॉप 10 ट्रेंडिंग हैशटैग में से छह सिर्फ राफेल पर थे। लगभग हर मीडिया संस्थान ने फ्रांसीसी जर्नल द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को दिखाया। वहीं, कई सोशल मीडिया यूजर्स व कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी इस रिपोर्ट को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया।

हालांकि, टाइम्स नाऊ के एडिटर-इन-चीफ राहुल शिवशंकर ने फ्रांस्वा ओलांद के बयान को दिखाने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए। उनके खबर दिखाने के तरिके से लग रहा था कि उन्होंने इतनी बड़ी न्यूज को तोड़मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हों। बता दें कि, राहुल शिवशंकर हमेशा बड़ी न्यूज को अपने शो को ऐसे दिखाने है कि पूरे टीवी चैनल में एक भूचाल सा आज जाता है।

उन्होंने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद अपने एक साक्षात्कार में कुछ ऐसा कह दिया है कि, एक बार फिर से सरकार के दावों पर संदेह पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि भारत सरकार ने राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।

वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के साथ मिलकर अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ की स्थापना करने वाले चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने अपने प्राइम टाइम बहस में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान का ज्रिक तक नहीं किया। उन्होंने अपने प्राइम टाइम बहस में इस विषय पर बहस करना शायद उचित नहीं समझा।

अर्नब गोस्वामी ने अपने प्राइम टाइम बहस में फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बजाय अन्य तीन मुद्दों पर चर्चा की। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों (सुषमा स्वराज-शाह महमूद कुरैशी) के बीच अमेरिका के न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन के इतर अगले सप्ताह होने वाली बैठक रद्द हो गई इस विषय पर चर्चा किया। इसके साथ ही उन्होंने
सर्जिकल स्ट्राइक और केरल की एक नन के साथ कथित बलात्कार के मुद्दे पर चर्चा की।

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