हाल ही में नियुक्त हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर शक्तिकांत दास को लेकर बीजेपी के अंदर ही बगावत शुरु हो गई है। दरअसल, गुजरात के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जय नारायण व्यास ने शक्तिकांत दास की शैक्षणिक योग्यता का जिक्र करते हुए उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया है।
बीजेपी नेता जय नारायण व्यास ने बुधवार को शक्तिकांत दास की डिग्री को लेकर एक ट्वीट करते हुए लिखा कि RBI के नए गवर्नर के पास एमए हिस्ट्री की डिग्री है। उम्मीद और दूआ करता हूं कि वह RBI को ही इतिहास न बना दें। व्यास ने अपने इस ट्वीट से नए RBI गवर्नर की क्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए।
The New RBI Governor Das's educational qualification is MA (History ) . Hope and Pray he doesn't make RBI also a History .May God Bless the New Arrival !!
— Jay Narayan Vyas (@JayNarayan_Vyas) December 12, 2018
जय नारायण व्यास ने शक्तिकांत दास की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरबीआई का प्रबंधन करने के लिए आपको घरेलू और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का उचित ज्ञान होना चाहिए। मैं आईएएस अधिकारी दास का सम्मान करता हूं, लेकिन सवाल ये है कि वे बहुत सारी चीजों से थोड़ा-बहुत अवगत होते हैं, पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच स्वीकृति वैसी नहीं होती जो पहले के गवर्नरों की रही है।
J N Vyas, BJP: To manage RBI you have to have a fair knowledge of domestic & international economy. I respect IAS, the issue is that they're exposed to a little of many things but the acceptance among international community which earlier Governors commanded (is not there). pic.twitter.com/xPkMKTnVov
— ANI (@ANI) December 12, 2018
वहीं, शक्तिकांत दास के कॉलेज में उनके जूनियर रहे आईएएस अधिकारी आशिष जोशी ने भी दास की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मेरे सीनियर आरबीआई के गवर्नर बन गए हैं। उन्होंने कॉलेज में इतिहास का अध्ययन किया था। उनकी नियुक्ति से कॉलेज में इतिहास का अध्ययन करने वाले हम में से कई लोग इस बात से उत्साहित हैं, अब इतिहास के छात्र भी इस पद के लिए कोशिश कर सकते हैं।
My College senior has become RBI Governor.
He studied History in College.
Many of us who studied history in the College are excited, that history students can also aspire for the post now.
— Ashish Joshi (@acjoshi) December 11, 2018
बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी शक्तिकांत दास की नियुक्ती पर असमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि ‘शक्तिकांत दास को आरबीआई गवर्नर बनाना गलत है। उन्होंने पी चिदंबरम के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में सहयोग किया और उन्हें कोर्ट से भी बचाते रहे। मुझे नहीं पता कि यह क्यों किया गया, मैंने इस फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।’
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी शक्तिकांत दास को मंगलवार (11 दिसंबर) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर तीन साल के लिए नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
शक्तिकांत दास मई 2017 में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव पद से सेवानिवृत हुए थे। रिजर्व गवर्नर के पद पर उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। दास 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर होंगे। वह उर्जित पटेल का स्थान लेंगे जिन्होंने सोमवार को अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, शक्तिकांत दास को पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी माने जाते है। नोटबंदी और गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) जैसे आर्थिक फैसलों का श्रेय भी काफी हद तक इन्हें ही दिया जाता है। माना जाता है कि मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ही वह जीएसटी को लागू करने पर जोर दे रहे थे।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जीत पटेल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, पटेल ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया था। गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से आरबीआई और केन्द्र सरकार के बीच तनातनी की खबरे सामने आ रही थीं। पिछले कई दिनों ऐसी खबरें भी आ रही थी कि उर्जीत पटेल अपने पद से इस्तीफा दे सकते है।