भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में गुरुवार को उड़ान भरने के साथ ही स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। करीब 30 मिनट के इस संक्षिप्त सफर के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने तेजस को इसलिए चुना क्योंकि यह स्वदेशी तकनीक से बना है। उन्होंने कहा कि विमान में सफर का उनका अनुभव रोमांचक रहा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमान से उतरने के बाद कहा, “उड़ान सहज, आरामदायक रही। मैं रोमांचित था। यह मेरे जीवन की सबसे यादगार घटनाओं में से एक थी।” मंत्री ने कहा, “यह स्वदेश निर्मित विमान है। इसलिए तेजस में उड़ान भरना और इसका अनुभव करना सहज रूप से मेरे मन में आया। साथ ही यह जानने के लिए भी कि हमारे लड़ाकू पायलट किन परिस्थितियों में ये विमान उड़ाते हैं, मैंने इस विमान में यह उड़ान भरी।”
उन्होंने कहा, “मैं एचएएल, डीआरडीओ और संबंधित कई एजेंसियों को बधाई देना चाहता हूं। हम ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम दुनिया को लड़ाकू विमान बेच सकते हैं…दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों ने तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।” जी सूट पहने, हाथों में हेलमेट पकड़े और एविएटर चश्मे लगाए सिंह पूरी तरह एक लड़ाकू विमान के पायलट लग रहे थे।
Rajnath Singh "thrilled" after Tejas sortie, "controlled it" brieflyhttps://t.co/53L1Qld9aq pic.twitter.com/ABsyvPxyEG
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#WATCH Defence Minister Rajnath Singh flies in Light Combat Aircraft (LCA) Tejas, in Bengaluru. #Karnataka pic.twitter.com/LTyJvP61bH
— ANI (@ANI) September 19, 2019
#WATCH Defence Minister Rajnath Singh finishes 30-minute sortie in Light Combat Aircraft (LCA) Tejas, in Bengaluru. He is the first ever Defence Minister to fly in the indigenous LCA Tejas. pic.twitter.com/VkYnv9cikd
— ANI (@ANI) September 19, 2019
एक अधिकारी ने बताया कि मंत्री ने करीब दो मिनट तक विमान को “नियंत्रित” कर उड़ाया भी। हालांकि, मंत्री ने कहा कि वह निर्देशों का पालन कर रहे थे। उन्होंने कहा, “लेकिन ये दो मिनट यादगार थे।” सिंह के साथ एयर वाइस मार्शल एन तिवारी भी थे। तिवारी बेंगलुरू में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में परियोजना निदेशक हैं।
रक्षा मंत्री के साथ उड़ान का अनुभव साझा करते हुए तिवारी ने कहा, “रक्षा मंत्री ने हवा में विमान उड़ाया (दो मिनट के लिए) और उन्हें यह पसंद आया। हम दो से 2.5 जी तक ऊपर गए। लेकिन मैं उन्हें विमान में मौजूद जटिल उपकरणों और उसमें इस्तेमाल विज्ञान एवं तकनीक की जानकारी दे रहा था। जब एक व्यक्ति धरती पर एक जगह खड़ा होता है तो धरती के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र द्वारा लगाया जाने वाला बल “एक जी” के बराबर होता है। लड़ाकू विमान के पायलटों को ज्यादा बल सहना होता है क्योंकि वे ज्यादा ऊंचाई पर और ज्यादा गति से विमान उड़ाते हैं। तिवारी ने कहा कि मंत्री उड़ान की गुणवत्ता से बहुत खुश थे, “सहज, नियंत्रित और जिस तरीके से विमान उड़ान भर रहा था।”
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh returns to the HAL Airport after taking a sortie on ‘Tejas’.
He congratulated @HALHQBLR & @DRDO_India for building this Multi-role fighter aircraft and also praised the IAF, Indian Army and Navy for their professionalism, courage and bravery. pic.twitter.com/T3cHMnPHvJ
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 19, 2019
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायु सेना में सामान्य विमान उड़ाने के लिए फिलहाल 20.5 साल की उम्र निर्धारित है और भारतीय वायु सेना में एक पायलट 22 साल की उम्र तक लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए तैयार हो जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। अधिकारी ने कहा कि जब तक एक पायलट चिकित्सीय रूप से फिट है यानि भारतीय वायुसेना द्वारा तय मानकों पर खरा उतरता है, वह लड़ाकू विमान उड़ान सकता है। एयर चीफ की उम्र 62 वर्ष है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित तेजस के विकास से जुड़े अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री इस हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगे।
अधिकारी ने कहा था ‘‘उनके इस कदम से भारतीय वायुसेना के उन पायलटों का मनोबल भी बढ़ेगा जो यह विमान उड़ा रहे हैं।’’ भारतीय वायुसेना तेजस विमान की एक खेप को पहले ही शामिल कर चुकी है। एलसीए का नौसैन्य संस्करण फिलहाल निर्माण चरण में है। पिछले शुक्रवार को गोवा में तेजस ने विमान वाहक पोत पर उतरने की काबिलियत दिखाई थी यानि “अरेस्टेड लैंडिंग” की थी। इस लैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है।
इसी के साथ लड़ाकू विमान के नौसैन्य संस्करण के निर्माण की राह आसान हो गई थी। बृहस्पतिवार को ही सिंह बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान और शोध संगठन (डीआरडीओ) के उत्पादों की प्रदर्शनी में भी शामिल होंगे। शुरुआत में आईएएफ ने 40 तेजस विमानों के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ऑर्डर दिया था। पिछले साल भारतीय वायु सेना ने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 83 और तेजस विमानों की अन्य खेप की खरीद के लिए एचएएल को अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया था। (इंपुट: भाषा के साथ)