उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार आने के बाद मदरसों में राष्ट्र गान गाने को अनिवार्य कर दिया गया था। अब इसी कड़ी में योगी सरकार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी करते हुए अवकाश की संख्या घटा दी है। मदरसों ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है, वहीं सरकार ने इसे छात्र हित में उठाया गया कदम बताया है।
Photo Courtesy: getty imagesन्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता की ओर से जारी कैलेंडर में दीपावली, दशहरा, महानवमी, महावीर जयन्ती, बुद्धपूर्णिमा, रक्षाबंधन और क्रिसमस की छुट्टियां बढ़ाई गई हैं। वहीं, रमजान के दिनों में दी जाने वाली 46 दिन की छुट्टियों की संख्या घटाकर 42 कर दी गई है। इसके अलावा मदरसों के प्रबन्धकों के विवेकाधीन 10 छुट्टियों को खत्म कर दिया गया है।
सरकार ने पिछले साल के मुकाबले मदरसों में छुट्टियों के उपलक्ष्य अवसर 17 से बढ़ाकर 25 कर दिए हैं, लेकिन 10 दिन की विवेकाधीन छुट्टियां घटा दी हैं। पिछले साल जहां मदरसों में कुल 92 छुट्टियों की व्यवस्था थी, वहीं इस साल इनकी संख्या 86 ही रहेगी।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने मदरसों में छुट्टियां घटाए जाने के बारे में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि सभी शिक्षण संस्थाओं के छात्र अपने महापुरुषों के बारे में जानें, इसलिए सभी शिक्षा परिषदों और विविद्यालयों में महान विभूतियों की जयन्ती अथवा पुण्यतिथि पर दी जाने वाली छुट्टियां रद्द की गयी हैं। मदरसे भी इसकी परिधि में आते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कदम छात्र हित को ध्यान में रखते हुए उठाया है। इस बीच, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुधवार (3 जनवरी) को पत्र लिखकर छुट्टियों में कटौती पर पुनर्विचार की मांग की है।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, एसोसिएशन के महामंत्री दीवान साहब ज़मां ने बताया कि संगठन ने पत्र में कहा है कि नए कैलेंडर में रमजान शुरू होने से दो दिन पहले ही छुट्टी की व्यवस्था की गई है, पहले 10 दिन पूर्व छुट्टी होती थी। नई व्यवस्था से मदरसा विद्यार्थियों और शिक्षकों को समय से अपने घर पहुंचने में असुविधा होगी। ज्यादातर मदरसा शिक्षक तरावीह पढ़ाते हैं जो रमजान के एक दिन पहले शुरू होती है, ऐसे में नई व्यवस्था से परेशानी होगी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह मुहर्म का विशेष आयोजन उस इस्लामी महीने की एक से 10 तारीख तक होता है। कैलेंडर में मुहर्म की तीन दिन की छुट्टी होती थी, 10 दिन के विवेकाधीन अवकाश को मुहर्म के साथ जोड़ने से आयोजन बखूबी मनाये जाते थे, मगर अब यह छुट्टी खत्म करने से अनेक कठिनाइयां पैदा होंगी।
अन्य धर्मों की छुट्टियां जोड़ना स्वागत योग्य है मगर किसी विशेष आयोजन की छुट्टियां कम करना उचित नहीं है। इससे गलत संदेश जाएगा, सरकार इस पर पुनर्विचार करे। एसोसिएशन की मांग है कि अवकाश तालिका में संशोधन करके 10 दिन का विशेष अवकाश और रमजान के लिए 47 दिनों का अवकाश किया जाए।