सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मंदिर के प्रमुख पुजारी ने बताया ‘निराशजनक’

0

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने शुक्रवार(28 सितंबर) को अपने फैसले में केरल के सबरीमला स्थित अय्यप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया। वहीं, कोर्ट के इस फैसले को मंदिर के प्रमुख पुजारी ने ‘निराशजनक’ बताया है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से रोकना लैंगिक आधार पर भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि धर्म मूलत: जीवन शैली है जो जिंदगी को ईश्वर से मिलाती है।

सबरीमाला के प्रमुख पुजारी कंडारारू राजीवारू ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाला उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘निराशजनक’ है लेकिन ‘तंत्री परिवार’ इसे स्वीकार करेगा। तंत्री केरल में हिंदू मंदिरों का वैदिक प्रमुख पुजारी होता है।

त्रावणकोर देवोस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। पद्मकुमार ने कहा कि बोर्ड ने न्यायालय को सूचित किया था कि वे मौजूदा नियम को जारी रखना चाहते हैं लेकिन अब इस फैसले को लागू करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि बोर्ड शीर्ष न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि फैसले का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करेंगे। अयप्पा धर्म सेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर ने कहा कि वे पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। ईश्वर सबरीमाला के पुजारी दिवंगत कंडारारू महेश्वरारू के पोते हैं। महेश्वरारू का इस साल मई में निधन हो गया था।

Previous articleVIDEO: नाना पाटेकर के बाद अब विवेक अग्निहोत्री पर तनुश्री दत्ता ने लगाया सनसनीखेज आरोप, बोलीं- ‘कहा था कपड़े उतार कर नाचो’
Next articleSharad Pawar loses key leader for giving clean chit to Modi on Rafale deal