सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 मई) को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या मामले में बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को जम्मू कश्मीर से पंजाब के पठानकोट कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी। हालांकि जम्मू कश्मीर सरकार ने केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया है।
साथ ही शीर्ष अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आग्रह से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच से इनकार करते हुए जम्मू कश्मीर सरकार को अनुमति दी कि पठानकोर्ट की अदालत में वे सरकरी वकील नियुक्त कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने जम्मू कश्मीर सरकार से पीड़ित परिवार, उनके वकील व गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा मामले की अब रोजाना सुनवाई होगी। कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने के साथ रिकॉर्डिंग का भी आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी। मृतक बच्ची के पिता ने केस की सुनवाई चंडीगढ़ ट्रांसफर करने की अपील की थी। वहीं, आरोपियों ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। बता दें कि जम्मू के कठुआ में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
इस मामले को लेकर देश भर में काफी हंगामा मचा था। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक में इसकी आलोचना की थी। मामले की सुनवाई चंडीगढ़ ट्रांसफर करने को लेकर दायर पीड़िता के पिता की अर्जी और मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपने की आरोपियों की याचिका पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बैंच ने
सुनवाई के बाद यह फैसला दिया।
क्या है मामला?
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के एक छोटे से मंदिर में करीब एक सप्ताह तक रखा गया था। बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी थी। अपराध शाखा ने विशेष जांच दल गठित किया जिसने दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिक भी शामिल है।
जांचकर्ताओं ने बताया कि बच्ची को एक छोटे से मंदिर ‘देवीस्थान’ में रखा गया था, जिसका सांजी राम सेवादार था। आरोपियों ने सबूत मिटाने की कोशिश में बच्ची की हत्या कर दी थी। चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची समझी साजिश थी। इस मामले में मंदिर का सेवादार सांझी राम, उसका बेटा विशाल, सांझी राम का भतीजा, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, हेड कांस्टेबल तिलक राज और स्थानीय नागरिक प्रवेश कुमार आरोपी है।