बिहार के मुजफ्फरपुर के ‘बालिका गृह’ नाम के नारी निकेतन में 34 मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी के मामले ने तूफान मचा रखा है। वहीं, इस मामले को लेकर गुरुवार (7 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आप दुर्भाग्यशाली बच्चों के साथ इस तरह बर्ताव करते हैं। आप इस तरीके की चीजों की इजाजत नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से दो बजे सारे सवालों के जवाब देने को कहा है। बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हम सरकार नहीं चला रहे है लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं?
चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिहार के मुख्य सचिव को पेश होना होगा। उन्होंने सीबीआई से पूछा कि बिना कोर्ट से अनुमति लिए जांच अधिकारी का ट्रांसफर क्यों किया गया।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। अब दिल्ली की साकेत कोर्ट में इसका ट्रायल होगा। कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में सारे रिकॉर्ड ट्रांसफर हो जाएं और ट्रायल छह महीने में पूरा हो जाना चाहिए। अब साकेत की POCSO कोर्ट में मामला चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय के हित में ट्रायल का ट्रांसफर किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार पर तेजस्वी ने भी सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “नीतीश जी की अंतरात्मा गंगा में डूब बंगाल की खाड़ी में समाहित हो गयी है। इतनी कड़ी टिप्पणी के बाद भी CM चुप्पी साधे हुए है। नीतीश जी बलात्कारियों के असल संरक्षक है।मधुबनी शेल्टर होम भी इनके ख़ास का है।”