सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सहारा सेबी खाते में वायदे के मुताबिक 1500 करोड रूपए में से 709.82 करोड रूपए जमा कराने लिए सोमवार(19 जून) को 10 और कार्यदिवसों की मोहलत देते हुए उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 5 जुलाई तक के लिए बढा दी।
न्यायमूर्त दीपक मिश्र और न्यायमूर्त रंजन गोगाई की पीठ ने राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर विचार किया कि 790.18 करोड रूपए पहले ही सेबी सहारा के खाते में जमा कराए जा चुके हैं और उन्हें शेष रकम जमा कराने के लिये 10 दिन और दिए जाएं।
राय ने इससे पहले 1500 करोड रूपए के दो चेक जमा कराए थे और 552.22 करोड सेबी के खाते में क्रमश: 15 जून और 15 जुलाई को जमा कराने थे। यह धनराशि जमा नहीं कराये जाने से अप्रसन्न न्यायालय ने 17 अप्रैल को सहारा समूह की महाराष्ट्र में एम्बी वैली की 34000 करोड रूपए की संपाि बेचने का निर्णय लिया था और राय को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था।
न्यायालय ने पिछले साल 28 नवंबर को राय से कहा था कि जेल से बाहर रहने के लिये वह 6 फरवरी तक 600 करोड रूपए और सेबी के धन वापसी खाते में जमा करायें। न्यायालय ने साथ ही आगाह किया था कि ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें वापस जेल भेज दिया जायेगा।
न्यायालय ने सुब्रत राय को सहारा समूह के दो निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को चार मार्च 2014 को तिहाड जेल भेजा गया गया था परंतु राय की मां का निधन होने की वजह से न्यायालय ने उन्हें 6 मई 2016 को चार सप्ताह का पेरोल दे दिया था। उनकी पेरोल की अवधि उसके बाद से ही न्यायालय बढाता रहा है।