सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गाय की रक्षा के नाम पर हिंदुत्व आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या पर तीखी टिप्पणी की। इसके साथ ही कोर्ट ने बुलंदशहर के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी और बजरंग दल के आतंकवादी योगेश राज की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। योगेश राज को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा, ‘मामला काफी गंभीर है, जहां गोहत्या के बहाने एक पुलिस अधिकारी की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है। हमारा प्रथम दृष्टया यह मानना है कि यह कानून का मामला है, जिसे आरोपी अपने हाथ में ले रहे हैं।”
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अदालत ने कहा, “हम इन चीजों को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते। हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त हैं। हम लिंचिंग की बिल्कुल भी अनुमति नहीं दे सकते।”
अदालत बुलंदशहर के सिपाही सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसे 2018 में हिंदुत्व के आतंकवादियों ने इलाके में गोहत्या की अफवाह की घटना पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मार डाला था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील संजय हेगड़े और प्रांजल किशोर ने शीर्ष अदालत में दलील दी कि योगेश राज की जमानत रद्द की जानी चाहिए। जज ने योगेश राज को सात दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध की है।
गौरतलब है कि, बुलंदशहर में दिसंबर 2018 को कथित गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। बुलंदशहर के स्याना में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी योगेश राज और अन्य आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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