कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की कथित घुसपैठ पर एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान इंडिया टुडे के एंकर राहुल कंवल पर जमकर हमला बोला। सोमवार रात को इंडिया टुडे पर हुई लाइव बहस के दौरान एंकर और कांग्रेस प्रवक्ता ने एक-दूसरे पर चीनी एजेंट होने का आरोप लगाया। वहीं, बहस के बाद कांग्रेस प्रवक्ता लाइव डिबेट से बाहर हो गए।
एक वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए पवन खेड़ा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया, जिसमें चीनी सैनिकों को कथित तौर पर भारतीय क्षेत्र के अंदर अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए दिखाया गया था। खेरा ने कहा, “वे (चीनी सरकार) गांवों का नाम बदल रहे हैं (अरुणाचल प्रदेश में), हम एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।”
इसके बाद कंवल ने कांग्रेस पार्टी पर चीनी सेना के पेरोल पर होने का आरोप लगाते हुए कहा, “लेकिन वे चीनी पक्ष के गांवों का नाम बदल रहे हैं। वे जो चाहें कर सकते हैं।” जब खेड़ा ने विवादास्पद एंकर को याद दिलाया कि चीन उन क्षेत्रों का नाम बदल रहा है जो भारतीय क्षेत्र थे, तो कंवल ने यू-टर्न लिया।
खेड़ा ने कहा, “बॉस, तो आप भारत के दूसरे आदमी हैं, जो प्रधानमंत्री के बाद चीन को क्लीन चिट देंगे।” कांग्रेस प्रवक्ता ने कंवल से पूछा कि क्या चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में गांवों का नाम बदलने की खबर पर गुस्से में प्रतिक्रिया देने में भारत सरकार गलत थी।
बहस ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया और खेड़ा ने कंवल के खिलाफ तीखा हमला करना शुरु कर दिया, उन्होंने इंडिया टुडे के एंकर को ‘बेशर्म आदमी’ तक कह दिया। खेड़ा ने कहा, “आपको शर्म आनी चाहिए। बेशर्म आदमी। तुम बेशर्म आदमी हो। आप आज चीन के साथ खड़े हो, तुम एक बेशर्म आदमी हैं।”
इसके बाद इंडिया टुडे ने पवन खेड़ा की आवाज को म्यूट कर दिया। उसके कुछ देर बाद ही खेड़ा की जगह खाली हो गई, जिसका अर्थ है कि उन्हें बहस से हटा दिया गया था। खेड़ा ने बाद में ट्वीट किया कि वह टीवी डिबेट से बाहर हो गए हैं।
@Pawankhera destroys @rahulkanwal in a TV Debate on Chinese Intrusion. pic.twitter.com/j9SnoiUEyH
— Poll Update (@PollUpdateInd) January 3, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में कम से कम 15 भारतीय गांवों का नाम बदल दिया है। राहुल कंवल के विपरीत भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीनी सरकार को आधिकारिक विरोध दर्ज कराया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, “हमने ऐसा देखा है। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया है। चीन ने अप्रैल 2017 में भी ऐसे नाम देने की कोशिश की थी।
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