सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित अभिनेता विवेक ओबेरॉय-स्टारर बहुप्रतिक्षित फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को लोकसभा चुनाव तक बैन करने के चुनाव आयोग के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने चुनाव आयोग द्वारा फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को लोकसभा चुनाव तक बैन करने के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज टालने वाले चुनाव आयोग के निर्देश के खिलाफ इस फिल्म के निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। फिल्म के निर्माताओं ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई थी कि चुनाव आयोग ने इस फिल्म को देखे बिना भी उसकी रिलीज पर रोक लगा दी थी।
लाइवलाव वेबसाइट के अनुसार, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने जवाब में कहा कि यह फिल्म महज एक बायोपिक नहीं है, बल्कि इसमें ऐसे डायलॉग और सिंबल हैं, जो एक जनप्रतिनिधि की काफी तारीफ करते हैं। आयोग का मानना है कि अगर चुनाव के दौरान इस फिल्म को रिलीज किया गया तो एक विशेष राजनीतिक दल को इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
बता दें कि फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ 12 अप्रैल को रिलीज होनी थी लेकिन आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल को इसकी रिलीज पर रोक लगाते हुए कहा था कि इसे चुनावों के बाद रिलीज़ किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा था कि बायोग्राफी किस्म की कोई भी बायोपिक सामग्री किसी भी राजनीतिक इकाई या उससे जुड़ी किसी भी व्यक्तिगत इकाई के उद्देश्य को पूरा करती है, जिसमें चुनाव के मैदान में गड़बड़ी करने की क्षमता हो, इसे सिनेमा सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा।