भारतीय सेना के पूर्व दिग्गज अधिकारियों ने प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी थॉमसन रॉयटर्स से इसकी भारतीय साझेदार एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) के खिलाफ शिकायत करते हुए एक पत्र लिखा है। अधिकारियों ने एएनआई पर आरोप लगाया है कि उसने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ की गई उनकी अपील की गलत रिपोर्टिंग की है। ये शिकायत उस पत्र के बारे में की गई है जो इन अधिकारियों ने पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा था। रॉयटर्स की साझीदार एएनआई ने इस पत्र को फर्जी बताते हुए खबरें प्रकाशित की थी।
द टेलीग्राफ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत में सेना के एक रिटायर्ड मेजर प्रियदर्शी चौधरी ने थॉमसन रॉयटर्स से कहा है, ‘हमारा मानना है कि एएनआई ने भारत के सत्तारूढ़ दल (बीजेपी) के आदेश पर हमारे वक्तव्यों को गलत तरीके से पेश किया और हमारे इरादों को बदनाम किया।’
पूर्व सैन्य अधिकारियों का यह पत्र एएनआई की 12 अप्रैल की उस रिपोर्ट के संदर्भ में लिखा गया है, जिसमें एएनआई ने बताया था कि कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र का समर्थन करने से इनकार किया था। उस पत्र में राष्ट्रपति से अपील की गई थी कि वे राजनीतिक दलों को सेना का इस्तेमाल करने से रोकें।
बता दें कि तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 156 पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से मोदी सरकार के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर नाराजगी व्यक्त की थी। हालांकि, 12 अप्रैल को पत्र के वायरल होने के बाद एएनआई ने खबर दी कि तीन पूर्व सर्विस चीफ ने ऐसी किसी चिट्ठी की जानकारी से इनकार किया है। वहीं, एएनआई ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि राष्ट्रपति भवन ने भी इस मुद्दे से जुड़ी चिट्ठी मिलने से इनकार किया है।
एएनआई ने पत्र लिखने में शामिल बताए गए कुछ पूर्व शीर्ष अधिकारियों के हवाले से दावा किया था उन्होंने ऐसा कोई पत्र राष्ट्रपति को नहीं भेजा और न ही ऐसे किसी पत्र का समर्थन किया। इनमें से एक नाम पूर्व उप-सेनाप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएन नायडू का था। एएनआई की रिपोर्ट में पूर्व सेना प्रमुख एसएफ रॉड्रिग्स और पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी का भी नाम शामिल था। इनके कथित बयानों के आधार पर एजेंसी ने दावा किया था कि उन्होंने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रपति को पत्र नहीं लिखा।
हालांकि मेजर प्रियदर्शी चौधरी ने उन्हें दिनों एक मेल जारी कर बताया था कि एसएफ रॉड्रिग्स और एनसी सूरी दोनों ने सैन्य दिग्गजों के पत्र को समर्थन दिया था। इस बारे में जब टेलीग्राफ ने एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है।’ बहरहाल, रॉयटर्स के अलावा मेजर चौधरी ने एडिटर्स गिल्ड और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा है।