डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से जुड़े एक केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार पर उठाए सवाल

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इन दिनों देश के कई राज्यों में चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया और वायरल, सभी तरह के बुखार ने शिकंजा कस रखा है। इसी बीच डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से जुड़े एक केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाए हैं।

फाइल फोटो- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले तो संख्या में कम है लेकिन इनसे हुई मौत के आंकड़े ज्यादा हैं। कोर्ट ने कहा कि जहां दूसरे राज्यों में मौतों का प्रतिशत एक से कम है वहीं उत्तर प्रदेश में ये प्रतिशत एक से ज्यादा है।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य समस्या उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा के साथ है जो इस समस्या से निपट नहीं पा रही है। कोर्ट ने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट ऑफ दिल्ली नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया है। कोर्ट ने कहा कि इन बीमारियों का मुख्य कारण कूड़ा है और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जरूरी है।

ख़बरों के मुताबिक, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, पर्यावरण मंत्रालय से पूछा है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल को लेकर जारी अधिसूचना के लागू करने के लिए क्या कदम उठाए हैं? चार हफ्ते में जवाब देना है, मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने ये बात तब कही जब सुनवाई के दौरान एमिकस कोलिन गोंजालविस की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि दिल्ली के अलावा देश के दूसरे राज्यों में डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया से हुई मौत के आंकड़े कहीं ज्यादा है।

दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार ने कहा था कि दिल्ली में इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के कम मामले सामने आये हैं और स्थिति खराब नहीं है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ख़बर आई था कि, यूपी सरकार अब निजी अस्पतालों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को उनके मनचाहे वेतन पर सरकारी अस्पतालों में काम करने का अवसर देगी। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने एक भर्ती एजेंसी को चुना है जो प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों को भर्ती करेगी।

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