भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को सील किए गए घर का लॉक तोड़ने के मामले मे अवमानना का नोटिस जारी किया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने तिवारी को मंगलवार (20 सितंबर) को कोर्ट मे तलब किया है। मनोज तिवारी पर कथित रूप से नगर निगम द्वारा सील किए गए मकान का ताला तोड़ने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य निगरानी समिति द्वारा दायर की गई एक रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद मनोज तिवारी को बुधवार के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने बीजेपी सांसद को 25 सितंबर को पेश होने का आदेश देते हुए कहा कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण” है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने की कोशिश की थी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, निगरानी समिति की रिपोर्ट को समझने के बाद, बैंच ने इसे एक “बेहद चिंताजनक स्थिति का मामला” होना पाया है, क्योंकि तिवारी के खिलाफ पूर्वी दिल्ली में एक मकान की सील तोड़ने के आरोप लगाए गए थे। इस मामले में अदालत की सहायता कर रहे सीनियर वकील रंजीत कुमार “अमीकस क्यूरी” ने समिति की रिपोर्ट बेंच के सामने रखते हुए कहा कि इसके साथ कथित घटना का एक वीडियो भी संलग्न किया गया था।
बीजेपी सांसद पर FIR दर्ज
बता दें कि इससे पहले मनोज तिवारी के खिलाफ सील तोड़ने के आरोप में गोकुलपुरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। बीजेपी सांसद के खिलाफ एमसीडी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद मनोज तिवारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, डीएमसी एक्ट 461 और 465 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (18 सितंबर) मनोज तिवारी के खिलाफ सीलबंद घर का ताला तोड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की। पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि दिल्ली नगर निगम के उत्तरी क्षेत्र के उपनिदेशक ने गोकुलपुरी पुलिस थाने में मनोज तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव में सीलिंग के विरोध में बुलाई गई महापंचायत में पहुंचे मनोज तिवारी लोगों की पीड़ा सुनकर भावुक हो गए थे और उन्होंने कथित तौर पर डेयरी पर लगी सील तोड़ डाली थी। मनोज तिवारी द्वारा सीलबंद घर का ताला तोड़े जाने का कथित वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
वायरल वीडियो फुटेज में मनोज तिवारी रविवार को गोकुलपुरी के दौरे के दौरान एक अनाधिकृत कॉलोनी में सीलबंद घर का तोला तोड़ते नजर आ रहे हैं। तिवारी को नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ विरोध करते हुए भी देखा गया। तिवारी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 और दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम के 461 और 465 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
केजरीवाल ने बोला हमला
राज्य में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने इस वीडियो को दिल्ली के बीजेपी शासित नगर निगमों से जोड़ दिया है। आप के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब सीलिंग ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है।
केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, ‘ये (बीजेपी) खुद ही सुबह में सीलिंग करते हैं और खुद ही शाम को जाकर ताला तोड़ देते है। इन्हें क्या लगता है लोग बेवकूफ हैं। नोटबंदी, GST और अब सीलिंग करके भाजपा ने पूरी दिल्ली को बर्बाद कर दिया।’
ये ख़ुद ही सुबह सीलिंग करते हैं और ख़ुद ही शाम को जाकर ताला तोड़ देते हैं। इन्हें क्या लगता है कि लोग बेवक़ूफ़ हैं?
नोटबंदी, GST और अब सीलिंग करके भाजपा ने पूरी दिल्ली को बर्बाद कर दिया। https://t.co/1re8Ckbu3b
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 16, 2018