लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 अप्रैल) को बड़ा फैसला देते हुए चुनाव आयोग को आदेश दिया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाए पांच बूथों पर EVM और VVPAT पर्चियों का औचक मिलान किया जाएगा। बता दें कि 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर शीर्ष अदालत ने सोमवार को फैसला दिया।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी मायने रखता है। अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 20,625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आगामी आम चुनावों में हर निर्वाचन क्षेत्र से EVM-VVPAT के औचक मिलान के लिए EVM की संख्या बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह संख्या 1 से बढ़ा कर पांच कर दी है।
Supreme Court bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi says 'increasing the VVPAT verification from one EVM per constituency to five is to ensure the greatest degree of accuracy, satisfaction in election process and not only political parties but the poor should be satisfied.' https://t.co/QFKdcs8cj1
— ANI (@ANI) April 8, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि आगामी लोकसभा चुनावों में चुनाव प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं के बेहतर भरोसे के लिये मतगणना के दौरान एक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट पर्चियों के आकस्मिक जांच को एक मतदान केंद्र से बढ़ाकर पांच केंद्र किया जाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने 21 विपक्षी दलों के नेताओं के इस अनुरोध को नहीं माना कि ईवीएम मशीनों से लगी वीवीपैट की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि ऐसा करने के लिये बहुत अधिक लोगों की आवश्यकता होगी और संगठनात्मक असुविधाओं को ध्यान में रखते हुये ऐसा करना संभव नहीं होगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव में वीवीपैट की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों की गणना का आयोग को निर्देश देने के लिये यह याचिका दायर की थी।
21 विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस याचिका को लंबित नही रख सकते क्योंकि 11 अप्रैल से मतदान शुरू हो रहा है। दरसअल एक वकील ने सुनवाई के दौरान मांग की थी कि इस याचिका को लंबित रखा जाए। लोकसभा चुनाव में EVM से VVPAT के 50 प्रतिशत मिलान को लेकर 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इसके लिए संसाधनों की समस्या क्यों होनी चाहिए? यह मामला चुनाव प्रणाली में विश्वास को लेकर है। चुनाव आयोग के पास ईवीएम के साथ VVPATs को गिनने और मिलान करने के लिए अधिक लोग होने चाहिए। ये व्यवस्था देश भर के 479 ईवीएम पर आधारित नहीं होना चाहिए बल्कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में होनी चाहिए।