देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 140 से ज्यादा दाखिल याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई। नागरिकात संशोधन कानून पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कहा कि सरकार को इन सभी याचिकाओं पर 4 हफ्तों में जवाब देना होगा। कोर्ट ने साथ ही CAA पर अंतरिम रोक के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर फैसला सुनाने तक सभी हाई कोर्ट के सीएए संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करने पर रोक लगाई है।

चीफ जस्टिस बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की 3 जजों की पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि असम पर अलग से सुनवाई नहीं होगी। केंद्र सरकार द्वारा नोटिस का जवाब देने के बाद अब पांचवें हफ्ते में सुनवाई होगी। वहीं दूसरी ओर असम से जुड़ी याचिकाओं पर केंद्र सरकार को दो हफ्ते में जवाब देना होगा।
Supreme Court asks Centre to file reply in four weeks. https://t.co/Twc0f7kMA2
— ANI (@ANI) January 22, 2020
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया।