नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान देने वाले बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
जदयू नेता प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसे लागू करने की चुनौती दी है। प्रशांत किशोर ने अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध करने वालों की परवाह नहीं कर रहे हैं तो फिर क्यों नहीं आगे बढ़ जाते हैं और इसे लागू करने की कोशिश करते हैं? बता दें कि इससे पहले भी प्रशांत किशोर एनआरसी और सीएए को लेकर आवाज मुखर कर चुके हैं।
प्रशांत किशोर ने बुधवार (22 जनवरी) को गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा हुए ट्वीट किया, “नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता। अमित शाह जी, अगर आप CAA-NRC का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते? आप सीएए और एनआरसी को उसी क्रोनोलॉजी में लागू करने का प्रयास करें, जो आपने राष्ट्र के लिए इतनी बड़ी घोषणा की है!”
Being dismissive of citizens’ dissent couldn’t be the sign of strength of any Govt. @amitshah Ji, if you don’t care for those protesting against #CAA_NRC, why don’t you go ahead and try implementing the CAA & NRC in the chronology that you so audaciously announced to the nation!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 22, 2020
दरअसल, प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब एक दिन पहले ही लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में अमित शाह ने दोहाराय था कि जिसे विरोध करना है करे, मगर हम नागरिकता कानून को वापस नहीं लेंगे।
बता दें कि, अमित शाह ने सीएए के समर्थन में लखनऊ में आयोजित जागरूकता रैली में मंगलवार को कहा था कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, ‘‘जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है।’’