यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की बेटी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के आधिकारिक तौर पर राजनीति में कदम रखने के बाद हड़कंप मच गया है। इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तंज किया है। उन्होंनें कहा है कि राहुल गांधी अकेले अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सके इसलिए उन्होंने अब बहन की मदद ली है।
File Photo: NDTVलोकसभा अध्यक्ष ने गुरुवार (24 जनवरी) को राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर एक तरह से सवाल उठाते हुए कहा, “प्रियंका अच्छी महिला हैं, लेकिन (पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में) उनकी नियुक्ति से यह बात भी सामने आती है कि राहुल गांधी ने एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है।”
सुमित्रा महाजन के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त किया है। लोगों का कहना है कि आपको किसी एक पक्ष की तरफ से नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि आप एक संवैधानिक पद में मौजूद हैं। मशहूर कवि और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा, ”आदरणीया ताई ! आप लोकसभा अध्यक्ष के “संवैधानिक पद” पर हैं ???(पुनर्स्मारक)’’
आदरणीया ताई ! आप लोकसभा अध्यक्ष के “संवैधानिक पद” पर हैं ???(पुनर्स्मारक) https://t.co/zxsfLCd6op
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 24, 2019
कांग्रेस ने किया पलटवार
प्रियंका गांधी वाड्रा के सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए जाने को लेकर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने दावा किया कि प्रियंका के कांग्रेस महासचिव की घोषणा कारण बीजेपी में हड़कंप की स्थिति है। पार्टी ने यह भी कहा कि सुमित्रा महाजन को बीजेपी के अंदरूनी मामलों को देखना चाहिए और उनकी नसीहत के बगैर कांग्रेस अच्छी तरह चल रही है और चलती रहेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पत्रकारों से कहा, ”प्रियंका गांधी वाड्रा को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया है, तबसे सबसे ज्यादा हड़कंप, सबसे ज्यादा बौखलाहट और सबसे ज्यादा गफलत बीजेपी में है। सुमित्रा महाजन के बयान से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ”हम बहुत विनम्रता से लोकसभा की अध्यक्षा जी को ये निदेवन करना चाहते हैं कि बीजेपी के जो अंदरुनी मामले हैं, वह उन पर ध्यान दें। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो कांग्रेस उनकी नसीहत के बगैर भी बहुत अच्छी तरह से चल रही थी और बहुत अच्छी तरह से चलती रहेगी।
यूजर्स ने भी सुमित्रा महाजन के बयान पर उठाए सवाल
क्या लोकसभा अध्यक्ष की भाषा ऐसी होनी चाहिए? उस पद की गरिमा क्या ऐसे तार-तार होनी चाहिए? https://t.co/wm9kr3dkEg
— ASHUTOSH MISHRA (@ashu3page) January 24, 2019
लगता है कि माननीया सुमित्रा महाजन को भी प्रियंका गांधी के राजनीति में आने का भय सताने लगा। https://t.co/bx8oOFGRsB
— AMARENDRA CHAUDHARY (@amarendrachaud5) January 25, 2019
सुमित्रा महाजन के बयान पर क्यूँ हंगामा हो रहा है? इनकी वफ़ादारी किसके प्रति है ये कौन नहीं जानता? मैडम स्पीकर का बयान बताता है कि पद की गरिमा पर वफ़ादारी भारी है। https://t.co/AfVm8Fk1sQ
— Farah khan (@farah17khan) January 24, 2019
A Sanghi is a Sanghi – Even if she is Speaker Sumitra Mahajan!! https://t.co/KKGEDRq3TD
— Ashok Swain (@ashoswai) January 24, 2019
हर एक ऐसे स्टेटमेंट से सुमित्रा ताई स्पीकर के तौर पर अपना रेकॉर्ड बुलंद कर रही हैं। शुभकामनाए। https://t.co/G3PucckvhF
— amey tirodkar (@ameytirodkar) January 24, 2019
एक संबैधानिक पद पर आसीन सम्मानित आदरणीया सुमित्रा महाजन जी के द्वारा दिया गया ये वयान क्या पद की गरिमा एवं लोकसभा अध्यक्ष की निष्पक्षता को पतित नही करता है ?https://t.co/JZKuahlYGz
— Anand Pandey (@AnandPa00760078) January 25, 2019
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बुधवार (23 जनवरी) को कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव नियुक्त कर पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंप दी। प्रियंका संभवत: फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने यह फैसला इस साल होने वाले आम चुनाव और प्रियंका गांधी की लोकप्रियता को देखते हुए लिया है।
खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव- प्रभारी (उत्तर प्रदेश पूर्व) नियुक्त किया है। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसके साथ ही महासचिव-प्रभारी (उत्तर प्रदेश-पश्चिम) बनाया गया है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो पहले की तरह कर्नाटक के प्रभारी की भूमिका निभाते रहेंगे।
संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद वेणुगोपाल की नियुक्ति की गई है। उत्तर प्रदेश के लिए प्रभारी-महासचिव की भूमिका निभा रहे गुलाम नबी आजाद को अब हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी और नेताओं की नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया है। लोकसभा चुनाव से प्रियंका गांधी का राजनीति में एंट्री का ऐलान कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है।