अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर सुखिर्यों में रहने वाले केन्द्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी के समर्थकों ने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ एक योद्धा के रूप में हमेशा सलाम किया है। सुब्रमण्यम स्वामी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र में अपनी सरकार को भी नहीं बख्शते हैं। लेकिन उन्होंने अब तक पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक से जुड़े 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले पर अपनी चुप्पी साधे हुए है, जिस पर एक सोशल मीडिया यूजर्स ने उनसे इस बारे में पूछ लिया।

दरअसल, हाल ही में एक ट्विटर यूजर ने उनसे माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर अपनी चुप्पी के बारे में पूछा। अमित पांचाल नाम के यूजर ने लिखा, “मुझे अभी भी आश्चर्य हो रहा है कि आपके पास PMC बैंक और HDIL घोटाले के बारे में कोई विचार नहीं है।” इस सबसे बड़े घोटाले के बारे में एक शब्द भी नहीं।”
ट्विटर यूजर के इस सवाल पर जवाब देते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, “मैं बोलता या लिखता नहीं हूं क्योंकि आप इसे स्टेडियम में एक दर्शक की तरह चाहते हैं। एक खिलाड़ी के रूप में यह तय करना मेरे लिए है।”
: I don’t speak or write because you want it like a spectator in a stadium. It is for me to decide as a player
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 5, 2019
बता दें कि, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह दी थी कि उन्हें अप्रिय सच्चाई सुनने का स्वभाव विकसित करना चाहिए और यदि वह अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालना चाहते हैं तो उन्हें अपनी सरकार के अर्थशास्त्रियों को ‘‘डराना’’ बंद करना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि, ‘‘जिस तरह से मोदी सरकार चला रहे हैं उस तौर तरीके में बहुत कम लोग ही तय सोच के दायरे से बाहर निकल सकते हैं। उन्हें लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे उनके सामने कह सकें कि नहीं यह नहीं हो सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि वह अभी इस तरह की सोच विकसित नहीं कर पाये हैं।’’
सत्ताधारी दल के राज्यसभा सदस्य की तरफ से ये टिप्पणियां ऐसे समय आईं हैं जब देश की आर्थिक वृद्धि छह साल के निम्न स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई है और सरकार इस सुस्ती से बाहर निकलने के लिए कई गैर-परंपरागत उपाय कर रही है। बता दें कि, सरकार ने हाल ही में कंपनियों के लिए कर दर में बड़ी कटौती की है।
वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के तार भाजपा से जुड़े हुए हैं क्योंकि बैंक के 12 निदेशकों के संबंध सत्तारूढ़ दल से हैं। बता दें कि, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) बैंक में हुए 4355 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही है। बैंक द्वारा निजी कंपनी एचडीआईएल को दिए गए ऋण में ये घोटाले हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाए कि मुंबई के मुलुंड इलाके के भाजपा विधायक सरदार तारा सिंह के बेटे रणजीत सिंह बैंक के निदेशकों में शामिल थे और वह एचडीआईएल के बोर्ड में भी थे। तारा सिंह को 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया गया है। वल्लभ ने कहा कि पीएमसी बैंक के निदेशकों को जांच पूरी होने तक देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।