BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की मांग- सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में होनी चाहिए हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच

0

केन्द्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर दुर्घटना मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में करवाने की मांग की है। इस दुर्घटना में भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और उनके रक्षा सलाहकार समेत 13 लोगों की मौत हो गई।

फाइल फोटो

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह सार्वजनिक मामला है। उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मन, लोगों को गुमराह करने के लिए कई तरह के दुष्प्रचार कर रहे हैं, इसलिए इसकी वास्तविकता को सामने लाने के लिए मेरी यह मांग है कि इस दुर्घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होनी चाहिए और सेना से जुड़े अधिकारी जांच के लिए एक्सपर्ट के तौर पर कमेटी में होने चाहिए।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए स्वामी ने कहा कि कमेटी की जांच रिपोर्ट को सर्वमान्य बनाने के लिए यह जरूरी है क्योंकि देश के लोगों को आज भी सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके भी इस मांग को उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सीडीएस, उनकी पत्नी और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मृत्यु कैसे हुई, इस बारे में संदेह पैदा होता है। इसलिए सरकार को किसी बाहरी व्यक्ति जैसे एससी जज द्वारा सरकारी जांच का नेतृत्व कराना चाहिए।”

इस हादसे को लेकर अब विपक्षी दल से लेकर पूर्व रक्षा अधिकारी तक ने सवाल उठाने शुरु कर दिए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत कहा कि, जब देश का सर्वोच्च सेनापति सुरक्षित नहीं तो देश का क्या होगा? उन्होंने कहा कि, जिस तरह इतने सुरक्षित हेलीकॉप्टर में दुर्घटना हुई है वो लोगों के मन में शंका पैदा करता है, मेरे भी मन में शंकाये हैं।

गौरतलब है कि, कुन्नूर में वायुसेना के क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में देश ने अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे। इनमें से 13 की मौत हो गई जबकि एक ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालात गंभीर बताई जा रही है।

[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]

Previous articleभीमा कोरेगांव मामला: तीन साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद रिहा हुईं वकील-एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज
Next articleमल्लिकार्जुन खड़गे का आरोप- राज्यसभा में हमें जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करने का समय नहीं दिया गया