पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब 12,700 करोड़ का महाघोटाला सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मच गया है। इस बीच बैंकों में फंसे कारोबारियों के कर्ज को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी आ गए हैं। मंगलवार (6 मार्च) को स्वामी ने अडानी को सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा नॉन परफॉर्मिग एसेट (एनपीए) बकाएदार बताते हुए उन पर करारा हमला किया।
फाइल फोटो- बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामीस्वामी ने अडानी पर यह हमला ट्वीट कर बोला है। साथ ही स्वामी ने कोर्ट जाने की धमकी देते हुए अपने ट्वीट में कहा है कि अडानी की जबावदेही तय होनी चाहिए, अन्यथा वह (स्वामी) कर्ज वसूली के लिए उनके खिलाफ अदालत में एक जनहित याचिका दायर करेंगे। स्वामी के आरोपों के बाद अडानी की कंपनी की तरफ से सफाई आई है।
स्वामी के आरोपों के जवाब में अडानी की कंपनी ने कहा है कि उसकी साख ऐसी है कि उसे विभिन्न स्रोतों से कर्ज प्राप्त होता रहता है और बड़ी परियोजनाओं के लिए बड़े कर्ज की जरूरत होती ही है। बता दें कि अडानी की गिनती देश के बड़े उद्योगपतियों में होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें पीएम मोदी का बेहद करीबी माना जाता है।
यही वजह है कि स्वामी ने जिस प्रकार से अडानी पर सीधे तौर पर हमला बोला है, उससे हर कोई हैरान है। मंगलवार को स्वामी ने ट्वीट किया, ‘सरकारी क्षेत्र में एनपीए के सबसे बड़े कलाकार गौतम अडानी हैं। यह वक्त उन्हें जवाबदेह बनाने का है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अडानी के खिलाफ जनहित याचिका दायर करेंगे।’
स्वामी ने कहा कि, ‘कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे अडानी दूर भाग रहे हैं। कोई उनसे सवाल भी नहीं पूछ रहा है। अडानी अपनी सरकार के करीबी होने की छवि बना रहे हैं। वह सरकार के लिए शर्मिदगी का कारण बन सकते हैं।’ गौतम अडानी की कंपनी ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि हमारे रेटिंग का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए, ऋण के विभिन्न स्रोत, अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड, ईसीबी ऋण, घरेलू बांड, निजी क्षेत्र से लेकर भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लेकर समूह तक उपलब्ध हैं।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि कर्ज का एक ही मानक है, समय से उसे चुकाते रहना। कंपनी से शुरुआत से चतुराई के साथ इसे लागू किया है। किसी भी समूह की वित्तीय मेट्रिक्स को भी देखना चाहिए।