अब 12 साल तक बच्चियों से रेप पर होगी मौत की सजा, पॉस्को एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप व हत्या और उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव गैंगरेप की घटनाओं के बाद देश से लेकर विदेश तक में पैदा हुए आक्रोश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने कानून को और सख्त बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ख़बर के मुताबिक, सरकार अब 0 -12 साल की उम्र के बच्चों से रेप करने के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करने जा रही है। केंद्र ने इस बाबत को लेकर शुक्रवार(20 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट भी सौंपी है।

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, केंद्र सरकार ने रिपोर्ट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 0-12 साल के बच्चों से रेप के मामले में POCSO ऐक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे दोषियों को अधिकतम दंड के तौर पर मौत की सजा दी जा सके। एक जनहित याचिका के जवाब में केंद्र ने यह रिपोर्ट सौंपी। इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।

बता दें कि, पिछले आठ दिन से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल महिलाओं और बच्चियों से रेप जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ कठोर कानून की मांग को लेकर अनशन पर बैठी हुई है। वहीं, कठुआ गैंगरेप का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। देशभर में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं।

बता दें कि, नाबालिग बच्चियों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों की वजह से देश में रेप के आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग तेजी से उठी। जिसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि वह बलात्कारियों को मौत की सजा देने के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है।

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