बिहार: 1500 करोड़ के सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला?

0

बिहार में करीब 1500 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले के आरोपी नाजिर महेश मंडल की रविवार(20 अगस्त) शाम भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई। मंडल को सृजन घोटाले में बीते रविवार को गिरफ्तार किया गया था। जेल में ही हालत बिगड़ने पर उसे रात 8.30 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था।

Photo: IE

अस्पताल में महेश की किडनी और कैंसर की बीमारी का इलाज चल रहा था। बता दें कि पुलिस ने अब तक घोटाले के आरोप में मंडल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, मंडल की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिवारवालों का आरोप है कि महेश की मौत जेल और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि महेश मंडल सृजन घोलाले की जांच की अहम कड़ी था। उनके पास कई अहम जानकारियां थी, जिससे इस घोटाले की तह तक जाया जा सकता था। महेश जिला कल्याण विभाग में नाजिर था और इस घोटाले के सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी गिरफ्तारी के बाद महेश ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था वह काफी चौंकाने वाला था। उनके गांव में डेढ़ एकड़ का विशालकाय घर मिला था, जिसकी चर्चा है कि हर कमरा न केवल वातानूकुलित है, बल्कि बाथरूम में भी एयरकंडीशन लगा है।

रिपोर्ट के अनुसार, महेश का बेटा शिव मंडल जनता दल यूनाइटेड का भागलपुर इकाई का युवा विंग का अध्यक्ष था। हालांकि, यह घोटाला सामने आने के बाद उसे पार्टी से बाहर कर दिया गया। इस बीच रविवार को भागलपुर पुलिस ने आरोपी और अब बीजेपी से निलंबित नेता विपिन शर्मा समेत कई आरोपियों के आवास पर छापेमारी की।

बता दें कि महागठबंधन से अलग होकर और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को इस घोटाले से दो-चार होना पड़ रहा है। दरअसल, यह सृजन घोटाला धीरे-धीरे एक बड़े घोटाले का रूप लेता जा रहा है।

यह घोटाला सामने आने के बाद अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लगातार घेर रहे हैं। सृजन घोटाले की जांच में अब तक करीब 1500 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई हैं, जबकि आरजेडी का दावा है कि घोटाला 2500 करोड़ का है।

नीतीश ने दिए CBI जांच के आदेश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर जिले में उजागर करीब 1500 करोड़ रुपये के ‘सृजन घोटाला’ मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश दे दिया है। नीतीश ने गुरुवार(17 अगस्त) को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी।

जबकि इस मामले में राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई है। मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में दर्ज काण्डों समेत पूरे मामले की जांच CBI को सौंपने का निर्देश दिया। बता दें कि आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी।

क्या है सृजन घोटाला?

दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले में एक ‘सृजन’ नाम का गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है। इस एनजीओ को 1996 में महिलाओं को काम देने के मकसद से शुरू किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीन अगस्त को 10 करोड़ के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद यह घोटाला सामने आया। इस मामले में बाद में छानबीन में पता चला चला कि जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से सरकारी पैसा निकाल कर एनजीओ के खाते में डाला गया।

जब मामले की जांच शुरू हुई तो अधिकारियों को पता चला कि यह दो से चार करोड़ का नहीं, बल्कि सैकड़ों करोड़ों रुपये का यह घोटाला है। भागलपुर जिले के तीन सरकारी बैंक खातों में सरकार फंड भेजती थी, जिसे कुछ प्रशासनिक अधिकारी बैंक कर्मचारी की मिलीभगत से महिला सहयोग समिति लिमिटेड के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। सृजन उस पैसे को रियल इस्टेट और ब्याज पर लगाने लगा।

 

Previous articleWriter claims Rajinikanth told him he would enter politics
Next articleFlight operations suspended twice at Delhi airport as ‘drone-like’ objects spotted on runways